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मई में सबसे ज्यादा भड़की आग, 11 साल में सबसे अधिक 277 आग की घटनाएं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मई माह में आग लगने की सर्वाधिक घटनाएं सामने आती है। इस बार भी पिछले 11 साल के दौरान सबसे अधिक 277 आग लगने की घटनाएं हुईं। आग लगने की इन घटनाओं में अग्निशमन विभाग ने काफी सक्रिय भूमिका निभाई। शहर में वर्तमान में अग्निशमन विभाग के 8 स्टेशन हैं। ज्यादातर रात में लगती है बड़ी आग सामान्य तौर पर देखा गया है कि बड़ी आग लगने की घटनाएं रात में ही होती हैं। शॉर्ट सर्किट या अन्य कारणों से लगी आग को फैलने का मौका मिल जाता है।
आग से बचने का तरीका
आग लगने पर कैसे बचें, यह जानकारी कम ही लोगों को होती है। आग लगने पर घुटनों के बल चलकर बाहर निकलना चाहिए। सबसे पहले एक्जिट गेट को खोजना चाहिए। धुंआ फैलने पर गीले कपड़े से मुंह ढंकना या फिर कमरे को बंद करके उसमें धुआं रोकने के लिए गीला कपड़ा लगाना चाहिए।
खाक हो गए लाखों के ड्राई फ्रूट्स , कंपनी के गोदाम में लगी आग
कामठी तहसील अंतर्गत बीडगांव में ड्राई फ्रूट्स कंपनी के गोदाम में भीषण आग लगने से करोड़ों रुपए का माल जलकर खाक हो गया। दमकल विभाग के 25 वाहनों ने आग पर काबू पाया। आग बुझाने के लिए गोदाम की दीवारें व शटर को भी कई जगह से तोड़ना पड़ा। दमकल विभाग ने बताया कि गोदाम के अंदर रखा काजू, बादाम व अन्य कुछ ड्राई फ्रूट्स जलकर खाक हो गया।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, बीड़गांव में नाकोड़ा ग्रुप के नाकोड़ा फ्रूट प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड एवं पार्श्वनाथ ओवरसीज के मेवा गोदाम हैं। पता चला है िक यह कंपनी मंजू चौधरी की है। इसके संचालक प्रवीण चौधरी और जयेश चौधरी हैं। इस कंपनी के गोदाम में 1 जून को देर रात करीब 1 से 2 बजे के बीच अचानक भीषण आग लग गई। सूचना मिलने पर दमकल विभाग के अधिकारी- कर्मचारी चार वाहनों के साथ पहुंचे। आग की तीव्रता को देखते हुए शहर और ग्रामीण क्षेत्र से वाहनों को बुलाया गया। इस बीच कंपनी के संचालक भी वहां पहुंच चुके थे। आग पर काबू पाने में करीब 25 घंटे लग गए। फिर भी आग पूरी तरह बुझ नहीं पाई थी। रविवार की सुबह करीब 6 बजे तक आग धधक रही थी। दमकल कर्मियों ने एहतियात के तौर पर रविवार को भी दमकल वाहन वहां पर खड़ा कर रखा था।
शार्ट सर्किट से आग का अंदेशा
कहा जा रहा है कि आग शार्ट सर्किट से लगी होगी। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच चल रही है। गोदाम के अंदर फायर फाइटिंग की किस तरह की सुविधा थी, इस बारे में भी छानबीन जारी है। करोड़ों रुपए के नुकसान का आकलन है।
Created On :   3 Jun 2019 11:41 AM IST