सैलरी पर मोबाइल चोरी का काम , नाबालिगों से चोरी करवाकर बांग्लादेश ले जाकर बेचने का काम कर रहा गिरोह

Mobile stolen gang arrested nagpur railway station
सैलरी पर मोबाइल चोरी का काम , नाबालिगों से चोरी करवाकर बांग्लादेश ले जाकर बेचने का काम कर रहा गिरोह
सैलरी पर मोबाइल चोरी का काम , नाबालिगों से चोरी करवाकर बांग्लादेश ले जाकर बेचने का काम कर रहा गिरोह

डिजिटल डेस्क,नागपुर। चोरी वह भी सैलरी पर...सुनने में अजीब, लेकिन सोलह आने सच है। इन दिनों प्रति माह वेतन पर कुछ लोग मोबाइल चोरी कर रहे हैं। इस काम के लिए उन्हें 15 हजार रुपए हर माह वेतन दिया जाता है। चोरी के मोबाइल को पहले झारखंड भेजा जाता है। वहां से मालदा भेजकर बांग्लादेश में बिक्री की जाती है।  

गिरोह के सदस्य हाथ लगे

नागपुर रेलवे पुलिस ने हाल ही में इस गिरोह को पकड़ा है। हालांकि इसमें मुख्य आरोपी व एक अन्य आरोपी भागने में सफल हुए हैं। 4 आरोपी जीआरपी हिरासत में है। संदेह है कि इनकी तरह और भी गिरोह नागपुर शहर में सक्रिय हो सकते हैं। शहर पुलिस को भी रेलवे पुलिस ने  इस बारे में जानकारी देकर सतर्क किया है। कार्रवाई पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे के मार्गदर्शन व अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक घनश्याम बडप के नेतृत्व में उपनिरीक्षक संदीप जाधव, दीपक डोर्लिकर, सुरेश राचलवार, श्रीकांत धोटे, राजेश पाली, अरविंद शाह, विनोद खोब्रागडे, अमोल हिंगणे, विजय मसराम, अमित त्रिवेदी व रोशन अली ने किया।

ऐसे पकड़ा

उपरोक्त गिरोह ने अगस्त माह के आखिर में नागपुर स्टेशन से एक मोबाइल चोरी किया। शिकायत रेलवे पुलिस को मिली थी। दूसरे दिन प्लेटफार्म पर रेलवे पुलिस अपराध शाखा के दीपक डोर्लिकर ने गिरोह के एक सदस्य को रंगे हाथ पकड़ा। पूछताछ के बाद उपरोक्त हकीकत सामने आई। आरोपी ने बताया कि उसके साथी पीली नदी के पास प्रबुद्ध नगर में किराए के रूम में रहते हैं। जाल बिछाकर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की। इसमें 6 आरोपी को पीछा कर पकड़ने में सफलता मिली है। गिरोह का मुखिया और एक अन्य आरोपी भागने में सफल हो गए। कार्रवाई में 19 मोबाइल जब्त किए गए। इसमें 2 मोबाइल नागपुर स्टेशन से चुराए गए थे। बाकी के मोबाइल भी शहर के विभिन्न इलाकों से चुराए गए थे। इनकी कीमत 2 लाख 50 हजार रुपए बताई गई है। 

सार्वजनिक जगहों पर नजर

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह झारखंड का एक मास्टर माइंड ऑपरेट करता है। मुखिया का नाम शेख शरीफ (32) निवासी झारखंड है। यह  गिरोह के सदस्यों को अलग-अलग जगह किराए के रूम में रखता है। शहर के सार्वजनिक जगहों पर जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार इलाके आदि जगहों से इनसे चोरी कराते हैं। झारखंड के महाराजपुर में बतौर चोरी का प्रशिक्षण भी इन्हें दिया जाता है। 

ऐसे पहुंचते हैं बांग्लादेश तक

200 से 300 मोबाइल जमा होने तक मोबाइल को स्विच ऑफ कर नागपुर में ही रखा जाता है। इसके बाद इसे झारखंड तक लाया जाता है। झारखंड में मास्टर माइंड इसे मालदा भेजकर यहां से बांग्लादेश भेजता है, जहां 15 हजार के मोबाइल को कौड़ियों के दाम बेचा जाता है। 

नाबालिगों का इस्तेमाल​​​​​​

इस काम में ज्यादात्तर नाबालिगों का इस्तेमाल होता है। मुख्य कारण यह है कि पकड़े जाने पर नाबालिग आसानी से छूट जाते हैं। इससे पहले की कार्रवाई में जीआरपी ने कई बार नाबालिगों को पकड़ा है। उपरोक्त मामले में भी दो नाबालिग आरोपी शामिल हैं। 

Created On :   6 Sept 2019 12:34 PM IST

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