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विधानपरिषद में गर्माया नागपुर में पानी के गोरखधंधे का मुद्दा
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। मिनरल वॉटर के नाम पर चले ठंडे पानी का मुद्दा सोमवार को विधानपरिषद में गर्माया। विधान परिषद सदस्य व राकांपा नेता प्रकाश गजभिये ने औचित्य के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि नागपुर जिले में विवाह समारोह व अन्य कार्यक्रमों में मिनरल वॉटर के नाम पर सिर्फ ठंडा पानी बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। पानी की शुद्धता या स्वच्छता के किसी नियम का पालन न करते हुए नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खेला जा रहा है। ऐसी सभी कंपनियों की जांच कर दोषी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
गली-गली में कारखाने
विधायक गजभिये ने आग कहा कि शहर और ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले विवाह समारोह सहित विविध कार्यक्रमों में कैन द्वारा पानी पहुंचाया जा रहा है। कार्यक्रमों में 20 से 60 रुपए में यह पानी बेचकर नागरिकों को लूटा जा रहा है। लेकिन पानी वाकई में शुद्ध है या नहीं? इसकी जांच होना जरूरी है। बिना कोई प्रक्रिया किए यह ठंडा पानी गले में उतारा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का इस ओर ध्यान नहीं है। पानी बेचने वालों पर फूड सेफ्टी एक्ट अंतर्गत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला के जरिये जांच कर संबंधित कारखाना व बेचने वालों पर कार्रवाई की मांग लगातार हो रही है। गली-गली में इसके कारखाने चल रहे हैं। अन्न व औषधि प्रशासन विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी कोई जांच नहीं करने की शिकायत बार-बार ग्राहकों से आ रही है। लेकिन प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।
जल समस्या पर अध्यक्ष ने ली बैठक सभापति खुद नदारद, पति हुए शामिल
उधर वाड़ी में पानी समस्या को लेकर रविवार को वाड़ी के त्रिलोक नगर पानी टंकी पर चढ़ कर बसपा के नगरसेवक नरेंद्र मेंढे के नेतृत्व में नागरिकों ने शोले स्टाइल में आंदोलन किया। इसे संज्ञान में लेते हुए नगराध्यक्ष प्रेम झाड़े ने सोमवार को नगर परिषद कार्यालय में समन्वय बैठक बुलाई। बैठक में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अभियंता, नरेश शनवारे, सुनील भंडारकर, पार्षद नरेंद्र मेंढे, राजेन्द्र पाटील आदि उपस्थित थे। बैठक से जलापूर्ति सभापति नीता कूनावार नदारद रहीं। उनके स्थान पर उनके पति अभय कुनावार पहुंचे। इस दौरान पानी के नियोजन पर चर्चा की गई।
टिल्लू पंप धारकों पर नहीं की गई कार्रवाई
नगराध्यक्ष ने बताया कि पानी टंकी पर असामाजिक तत्वों का बोलबाला होने से 24 घंटे के लिए पुलिस तैनात रहेगी। वॉल्व ऑपरेटर को बदला जाएगा। त्रिलोक नगर टंकी से जलापूर्ति हो रही है। जहां-जहां पर वॉल्व लगे हैं, वहां पर वॉल्व के नक्शा लगाए जाएंगे। इस दौरान समान रूप से जलापूर्ति करने का आश्वासन अभियन्ता ने दिया। उन्होंने कहा कि पानी का सही नियोजन नहीं होने से लोगो तक पानी नहीं पहुंच रहा। अवैध नल कनेक्शन व टिल्लू पंप भी इसके लिए एक कारण है। इस साल नगर परिषद तथा महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (मजिप्र) ने अवैध टिल्लू पंप धारकों पर करवाई नहीं करने से जलसमस्या बढ़ी है।
बैठक में दूषित जल लेकर पहुंचे लोग
बैठक में आंबाझरी तालाब से वेना द्वारा वाड़ी को हो रहे दूषित पानी को लेकर नागरिक पहुंचे और नगराध्यक्ष दिखाया। इस संदर्भ में नगराध्यक्ष ने मजिप्र के अभियन्ता से प्रश्न किया तो जवाब मिला कि पानी की जांच करने के बाद ही जलापूर्ति की जा रही है। नागरिकों ने बताया कि हकीकत यह है कि जो जलापूर्ति हो रही है, वह दूषित है। यह पानी पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसे पीने से लोगो को खुजली जैसी बीमारी हो रही है।
जलापूर्ति सभापति के पति संभालते हैं कमान
वाड़ी में जल समस्या 6 माह से है। जल समस्या के कारण कुछ महीने तक जलापूर्ति सभापति का पद खाली था। कोई बनने के लिए राजी नहीं था। इस पद को नीता कुनावार ने स्वीकार किया व जलापूर्ति सभापति बनीं, लेकिन जबसे उन्होंने कमान संभाला है, तबसे वाड़ी की एक भी पानी की समस्या को हल नहीं कीं। उनके बदले उनके पति अभय कुनावार कमान संभाल रहे हैं। बैठक में भी नीता कुनावार की गैर मौजूदगी में अभय कुनावार ही उपस्थित रहे, जबकि कानून के अनुसार पत्नी की जगह पति बैठक में नहीं जा सकते हैं।
Created On :   25 Jun 2019 4:02 PM IST