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गोपनीय जानकारी लीक करने के मामले में मेट्रो के सीनियर डीजीएम व एक अन्य अधिकारी गिरफ्तार
![Metro senior and another officer arrested for leaking confidential information Metro senior and another officer arrested for leaking confidential information](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/07/metro-senior-and-another-officer-arrested-for-leaking-confidential-information_730X365.jpeg)
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो विभाग की गोपनीय जानकारी लीक करने के मामले में मेट्रो की शिकायत पर सदर पुलिस ने दो बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें एक आरोपी सीनियर डीजीएम विश्वरंजन देवरा हैं, तो दूसरा आरोपी प्रवीण समर्थ है, जो सिग्नलिंग विभाग में अधिकारी है। मेट्रो के साइबर सिक्योरिटी से छेड़छाड़ का गंभीर आरोप इन दोनों पर है। उल्लेखनीय है कि कुछ कागजों के आधार पर मेट्रो में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाए जा रहे हैं। यह माना जा रहा है कि उक्त संबंधित अधिकारी ही महत्वपूर्ण कागजातों को ‘बाहर’ उपलब्ध करा रहे थे।
बोगस दस्तावेज के भरोसे नौकरी
मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़ा मामला होने के कारण तत्काल सदर पुलिस की मदद ली गई। मंगलवार को सदर पुलिस में लिखित शिकायत की गई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी। बुधवार की सुबह इस मामले सिग्नलिंग विभाग के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। बताया गया कि इनमें एक वरिष्ठ अधिकारी को जाली दस्तावेज के भरोसे नौकरी हासिल करने के आरोप में जून महीने में ही निलंबित किया था। वहीं, दूसरा आरोपी उसे विभागीय गतिविधियों के बारे में जानकारी दे रहा था।
वीडियो क्लिप भेजता था
मामला यह है कि आरोपी देवरा ने जाली दस्तावेज के आधार पर नौकरी हासिल की थी। इसका खुलासा होते ही प्रशासन ने 18 जून को ही देवरा को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी थी। दूसरा आरोपी प्रवीण आईटी विभाग में है। मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंस कराकर देने की जिम्मेदारी भी उनके पास है। ऐसे में देवरा ने प्रवीण की मदद ली। अधिकारियों द्वारा होनेवाली गुप्त बातचीत प्रवीण रिकॉर्ड कर देवरा को वीडियो क्लिप भेजा करता था।
करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप
नागपुर मेट्रो प्रोजेक्ट और पुणे मेट्रो प्रोजेक्ट का कार्य महा मेट्रो को दिया गया है, लेकिन इन दोनों प्रोजेक्ट में होने वाले कार्यों को लेकर ‘जय जवान, जय किसान’ ने कई अारोप लगाए हैं। इसमें आंध्रप्रदेश से बुलाई गई मेट्रो ट्रेनें, जनरल कंसल्टेंट, वायडक्ट पेंटिंग, 5 डीबीएम सॉफ्टवेयर, प्राेजेक्ट में नियुक्त कर्मचरियों सहित अन्य विषयों पर कई सौ करोड़ के आरोप महा मेट्रो पर लगाया जा रहा है। सिर्फ जनरल कंसल्टेंट की नियुक्ति में ही 516 करोड़ का आरोप मेट्रो पर है। इन विषयों पर प्रशांत पवार 5 प्रेस वार्ता कर दस्तावेज दिखा चुके हैं। यह दस्तावेज आरटीआई से लेने के बजाय गुप्त रूप से लिए जा रहे थे। आशंका थी कि मेट्रो का ही कोई कर्मचारी मेट्रो प्रकल्प से संबंधित सभी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध करा रहा था।
मेट्रो में खलबली
यह वीडियो क्लिप कुछ लोगों के मोबाइल पर आने से प्रशासन में खलबली मच गई। अधिकारियों ने प्रवीण से पूछताछ की तो अधिकारी देवरा को क्लिप भेजने की बात उसने कबूल की। इसके बाद अतिरिक्त महाप्रबंधक आशीष संगी ने सदर पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया। हालांकि दोनों को जमानत पर बाद में छोड़ दिया गया। प्रवीण ने देवरा को कितने क्लिप भेजी है, इसकी जांच चल रही है। यह जानकारी सदर के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश बनसोडे ने दी है।
साइबर सिस्टम से छेड़छाड़ का संदेह
महा मेट्रो के साइबर सिस्टम की जानकारी से छेड़छाड़ का संदेह मेट्रो प्रशासन को हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर पुलिस में इसकी शिकायत की गई। पुलिस ने सीनियर डीजीएम विश्वरंजन देवरा व सिग्नलिंग विभाग के अधिकारी प्रवीण समर्थ को बुधवार की सुबह गिरफ्तार किया था। हमारे साइबर सिस्टम में मेट्रो से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां रहती हैं। -अखिलेश हलवे, डीजीएम, महा मेट्रो नागपुर
Created On :   11 July 2019 11:08 AM IST