नागपुर-बैतूल घाट सेक्शन में 100 किमी रफ्तार से हुआ मेमू का ट्रायल

Memu trial conducted at a speed of 100 km in nagpur betul ghat section
नागपुर-बैतूल घाट सेक्शन में 100 किमी रफ्तार से हुआ मेमू का ट्रायल
नागपुर-बैतूल घाट सेक्शन में 100 किमी रफ्तार से हुआ मेमू का ट्रायल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे में लगातार नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जो आधुनिक होने के साथ यात्रियों की सुविधाओं के हिसाब से है। पिछले दिनों ही देशभर में पहली 3 फेज मेमू ट्रेन दपूमरे नागपुर मंडल में चलाई गई। इसके साथ ही  अत्याधुनिक मेमू ट्रेन का ट्रायल नागपुर से बैतूल घाट सेक्शन के ढोढरामोहर तक किया गया। इसमें 19 इंटरकनेक्ट कोच थे। ट्रायल के लिए मेमू सुबह 6 बजे नागपुर से रवाना हुई। आमला में स्टाफ बदलने के बाद सुबह 9.50 बजे बैतूल पहुंची। उपरांत घोड़ाडोंगरी से मरामझिरी तथा वापस मरामझिरी से घोड़ाडोंगरी तक ट्रायल लिया गया। ट्रायल के दौरान मेमू ट्रेन की स्पीड 100 किमी रखी गई। ट्रेन में यात्रियों के वजन के रूप में रेत की बोरियां रखीं गईं थीं। ट्रायल रिपोर्ट मध्य रेल के हेडक्वार्टर मुंबई भेजी जाएगी। हरी झंडी मिलने के बाद इसे कहां चलाना है, चलाने की तिथि व उसके चलने का समय तय होगा। 

मेमू ट्रेन में रहते हैं तीन इंजन
मेमू ट्रेन में तीन इंजन होते हैं। ट्रेन में आगे व पीछे एक-एक व बीच में एक इंजन रहता है। इस कारण यह ट्रेन तेज रफ्तार से बढ़ने के साथ ही 100 से 150 किमी तक की गति देखते ही देखते पकड़ लेती है। मेमू ट्रेन चलने से लोकल यात्रियों को खासा फायदा होगा। यह ट्रेन पूरी तरह इंटरकनेक्ट है। साथ ही यात्रियों के लिए और भी कई तरह की सुविधाएं इस ट्रेन में शामिल हैं। कोच के गेट भी बढ़े साइज के होते हैं।

8 से 10 सेकंड में 100 की रफ्तार
मेमू ट्रेन कम समय में रुक और चल सकती है। प्लेटफार्म से चलते ही 8 से 10 सेकंड में यह ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेगी। यही नहीं, ट्रेन में सवार यात्रियों को झटका भी नहीं लगेगा। बिजली की खपत भी कम होगी। सूत्रों के अनुसार नागपुर मंडल में अभी मेमू ट्रेन की 3 रैक आई हैं। जल्द ही और रैक आने की संभावना है। इस ट्रेन को चलाने के लिए ड्राइवर और गार्ड को ट्रेनिंग के लिए भी भेजा गया है।

पहियों पर पानी डालकर लिया ट्रायल
मेमू ट्रेन काे नागपुर से ढाेढरामाेहर तक ट्रायल के बाद मरामझिरी स्टेशन तक लाया गया। इसके बाद मरामझिरी से घोड़ाडोंगरी तक दो बार इस ट्रेन का ट्रायल लिया गया। मरामझिरी-धाराखोह घाट सेक्शन में ट्रायल के दौरान पहियों पर पानी की सप्लाई कर बारिश के दिनों में ट्रेन के पहिएं स्लीप न हाें, इसका भी ट्रायल लिया गया। अक्सर अधिक बारिश में पटरियों से ट्रेनें उतर जाती हैं। इसी के चलते यह परीक्षण किया गया। कोच में पानी की टंकी रखकर उससे एक पाइप के द्वारा पहियों पर पानी डाला गया।

नागपुर से ढोढरामोहर तक लिया है ट्रायल
नागपुर से ढोढरामोहर तक ट्रेन का ट्रायल लिया है। ट्रायल की रिपोर्ट हेडक्वार्टर  भेजी जाएगी। इसके बाद इसे कहां चलाना है और कब चलाना है, तय होगा।
-एस.जी. राव सहायक वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे

Created On :   20 Sept 2019 11:33 AM IST

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