नागपुर रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के लिए जर्मनी से शीघ्र पहुंच रही है मशीनें

Mechanized laundry machines coming from germany to nagpur railway
नागपुर रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के लिए जर्मनी से शीघ्र पहुंच रही है मशीनें
नागपुर रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के लिए जर्मनी से शीघ्र पहुंच रही है मशीनें

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को अब साफ-सुथरी चादर और अन्य सामग्री मिलेगी। नागपुर में मध्य रेलवे नागपुर मंडल की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री 31 जून तक तैयार हो जाएगी। इसमें लगने वाली मशीनें जर्मनी से आ रही हैं। अधिकारियों की मानें तो यह मशीनें जर्मनी से नागपुर के लिए निकल भी गई हैं। ऐसे में अब नागपुर में ही बेडरोल, कंबल आदि की धुलाई होने से यात्रियों को साफ-सुथरी चादरें, पिलो कवर, बेडरोल, कंबल  मिलेंगे। वर्तमान में रोजाना 3 हजार से ज्यादा बेडरोल बाहर से धोकर आते हैं। हर रोज बेडरोल निर्धारित समय पर पहुंचने की बात भी तय नहीं रहती है। इस कारण कभी-कभी गंदे बेडरोल ही यात्रियों के हिस्से में आते हैं।  

छह साल पूर्व हुई थी घोषणा
वर्ष 2011-12 में हुए रेल बजट में देश भर में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री बनाने की घोषणा की गई थी। इसमें नागपुर का भी नाम शामिल था। इन लॉन्ड्री में रेलवे में उपयोग होनेवाले कपड़ों की धुलाई का जिम्मा रहेगा। यह लॉन्ड्री जहां एक ओर यात्रियों को साफ-सुथरे बेडरोल देकर सुविधा बढ़ानेवाली है, वहीं विदर्भ के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए भी सक्षम रहेगी। उपराजधानी के लिए इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 15 करोड़ रुपए का रेलवे ने इसके लिए प्रावधान रखा था। टेंडर प्रक्रिया हुई, लेकिन बहुत ज्यादा लागत रहने से कोई भी सामने नहीं आ रहा था। ऐसे में इसे पार्टनरशिप में चलाने को कहा गया।

मुख्यालय से मंजूरी
आखिरकार इसे चलाने के लिए कंपनी और रेलवे मुख्यालय की मंजूरी भी मिल गई है। अजनी परिसर में इसे साकार करना तय हो गया है। यहां अत्याधुनिक मशीनें धुलाई से लेकर प्रेस का काम करेंगी। इन मशीनों को जर्मनी से लाया जा रहा है। करोड़ों रुपए की मशीनें जर्मनी से नागपुर के लिए निकल गई हैं। 

यह होगा फायदा
वर्तमान में नागपुर मंडल के कुल 6 गाड़ियों के बेडरोल रोज निजी लॉन्ड्री के माध्यम से धोए जाते हैं। कुल 3 हजार 250 बेडरोल की धुलाई प्रति बेडरोल 12 रुपए कुछ पैसे के हिसाब से होती है। इसमें रोजाना रेलवे को 40 हजार रुपए का खर्च आता है। खुद की लॉन्ड्री शुरू होने से जहां रेल को अलग से खर्च देने नहीं पड़ेंगे, वहीं यात्रियों की शिकायतें दूर होंगी। 

31 जून तक शुरू होने की संभावना 
मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री का काम शुरू है। जर्मनी से मशीनें भेजी जा रही हैं। 31 जून तक इसे शुरू किया जा सकता है। 
-   एस.जी. राव, सहायक वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे नागपुर

Created On :   21 May 2019 1:22 PM IST

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