- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- लोकसभा : समितियां तो बहुत बनी पर...
लोकसभा : समितियां तो बहुत बनी पर नहीं मिल पाया डाक कर्मियों को न्याय - तुमाने

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डाक विभाग के कर्मचारियों को विविध परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके कल्याण के लिए समय समय पर समितियां तो बनी लेकिन उन समितियों की सिफारिशों पर अमल नहीं किया गया है। मंगलवार को शून्यकाल में लोकसभा में यह मामला कृपाल तुमाने ने उठाया। रामटेक से लोकसभा सदस्य तुमाने ने कहा है कि डाक कर्मचारियों को आर्थिक , मानसिक शोषण का भी शिकार होना पड़ रहा है। देश में पौनी तीन लाख डाक सेवक हैं। डाकघरों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। केंद्र सरकार डाक सेवकों के विकास की बात करती है लेकिन विकास का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जो डाक सेवक काम कर रहे हैं। वे दूर दराज के गांवों में डाक पत्र देने जाते हैं। लेकिन उन्हें ठीक से वेतन भी नहीं मिल पाता है। आवास की सुविधा नहीं है। वे अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं।
1995 में तलवार समिति ने डाक सेवकों को पेंशन लागू करने की सिफारिश की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने उस सिफारिश पर भी ध्यान नहीं दिया है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया है लेकिन डाक सेवकों को सातवें वेतन आयोग से भी वंचित रखा जा रहा है। डाक सेवकों को न्याय दिलाने के लिए समय समय पर अलग अलग समितियों का गठन किया गया लेकिन उनकी रिपोर्टों पर केंद्र ने कोई अमल नहीं किया है। इन कारणों से ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवा प्रभावित हुई है।
Created On :   18 March 2020 10:19 PM IST