हाईटेंशन के समीप वाले 3,204 मकानों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, तोड़ने के दिए आदेश

High court strict orders to break 3,204 houses adjacent to high tension
हाईटेंशन के समीप वाले 3,204 मकानों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, तोड़ने के दिए आदेश
हाईटेंशन के समीप वाले 3,204 मकानों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, तोड़ने के दिए आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने हाईटेंशन बिजली के तारों के समीप अनधिकृत निर्माणकार्य करने वालों पर सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने नागपुर महानगरपालिका और नागपुर सुधार प्रन्यास को आदेश दिए हैं कि वे ऐसे लोगों का अनधिकृत निर्माणकार्य गिराने का कार्य दो सप्ताह में शुरू करें। हाईकोर्ट में विशेष समिति ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कोर्ट को जानकारी दी कि शहर में 3 हजार 204 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने निर्माणकार्य के लिए मनपा से नक्शा मंजूर नहीं कराया।

अन्य 438 लोगों ने नक्शा मंजूर तो कराया, लेकिन उसका उल्लंघन किया। दोनों श्रेणियों के लोगों ने बिजली के हाईटेंशन तारों के समीप निर्माणकार्य किया है, जिससे भविष्य में जनहानि का डर है। इस रिपोर्ट पर गंभीर रुख अपनाते हुए कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। कोर्ट में ही हाईटेंशन तारों की पुनर्रचना का भी मुद्दा लंबित है। इस पर कोर्ट अगली सुनवाई में निर्णय लेगा। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालय मित्र हैं। मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक और नासुप्र की ओर से एड.गिरीश कुंटे ने पक्ष रखा। 

यह है मामला
शहर में कुछ वर्ष पूर्व दो छोटे बच्चों की हाईटेंशन तारों के संपर्क में आने से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भी ऐसे अन्य मामले सामने आए थे, जिसके बाद कोर्ट ने सूू-मोटो जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में मदद के लिए एक विशेष समिति भी गठित की गई थी। समिति ने शहर में अनेक निर्माणकार्य नियमों के विरुद्ध पाए।

शहर में बगैर सोचे-समझे हुए इस विकास के लिए समिति ने नासुप्र और मनपा काे काफी हद तक जिम्मेदार बताया है, वहीं अनधिकृत निर्माणकार्यों में बिजली आपूर्ति करने के लिए महावितरण और एसएनडीएल को भी जिम्मेदार ठहराया। समिति ने कोर्ट को पूर्व में बताया था कि उन्हें 3,934 परिसरों में बिजली नियमों को उल्लंघन होता मिला था। इसमें 3100 रिहायशी, 650 व्यावसायिक और 122 औद्योगिक इकाइयों का समावेश है। इसमें से 90 प्रतिशत लोगों ने मंजूर प्रारूप का उल्लंघन करके निर्माणकार्य किया है। समिति ने इन लोगों पर जुर्माना लगाने के साथ ही हाईटेंशन तारों पर इनसुलेटर लगाने, अंडरग्राउंड केबलिंग करने या फिर उनकी दिशा बदलने में से कोई एक विकल्प चुनने की सिफारिश की है।

Created On :   29 Aug 2019 11:08 AM IST

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