हज हाऊस का नाम होगा हजरत बाबा ताजुद्दीन, जिला स्तर पर बनेंगी हज समितियां

Hajj house will be named hazrat baba tajuddin, committees made district level
हज हाऊस का नाम होगा हजरत बाबा ताजुद्दीन, जिला स्तर पर बनेंगी हज समितियां
हज हाऊस का नाम होगा हजरत बाबा ताजुद्दीन, जिला स्तर पर बनेंगी हज समितियां

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर हज हाऊस इमारत का नाम हजरत ताजुद्दीन हज हाऊस नागपुर किया गया है। राज्य हज समिति ने गुरुवार को मुंबई में हुई बैठक में यह निर्णय लिया है। हज यात्रा के संबंध में प्रशिक्षण व अन्य सुविधाओं के बारे में भी आवश्यक निर्णय लिए गए हैं। राज्य के सभी हज यात्रियों को समान हज प्रशिक्षण देने के लिए नया हज प्रशिक्षण अभ्यासक्रम भी तैयार किया जाएगा। जिला हज समिति गठित की जाएगी। राज्य हज समिति के अध्यक्ष जमाल सिद्धिकी ने दैनिक भास्कर से चर्चा में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निर्धारित हज यात्रा के अलावा अन्य समय पर होनेवाली यात्रा के संबंध में भी आवश्यक निर्णय लिए गए हैं।

हज यात्रा के संबंध में इच्छुक यात्रियों को घर बैठे प्रशिक्षण दिया जाएगा। नया एप तैयार कर मोबाइल फोन पर प्रशिक्षण की व्यवस्था के लिए समिति बनायी जाएगी। राज्य हज समित का बोधचिन्ह तैयार किया जाएगा। इसके अलावा हज यात्रियों की सेवा के लिए हाजी दोस्त नियुक्त किए जाएंगे। नागपुर , मुंबई व औरंगाबाद में विमानतल तक सहायता का काम जिला हज समिति को दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य हज समिति विधि सलाहकार नियुक्त किए जाएंगे। हज कमेटी आफ इंडिया का कामकाज ब्याज से मिलनेवाली आय पर चलता है। उससे मुक्तता करके इस्लाम के नियमानुसार कामकाज चलाने की शिफारिस केंद्रीय हज समिति से की जाएगी। 

खास बातें : 

-हज यात्रा के लिए फिलहाल 2 प्रशिक्षक रहते हैं। 200 हाजियों के लिए ये पर्याप्त नहीं हैं। लिहाजा अब आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुंबई में मुख्य प्रशिक्षण सेंटर रहेगा। मोबाइल एप पर भी प्रशिक्षण सेवा मिलेगी।

-हज यात्रा निर्धारित समय पर होती है। केवल 2 माह का ही यह समय रहता है। शेष 10 माह तक हज यात्रा के लिए निजी सेवा की सहायता लेनी पड़ती है। ट्रैवल्स एजेंसियां इन यात्राओं का आयोजन करती है। इसे उमराह कहते हैं। अब राज्य हज कमेटी की ओर से साल भर हज यात्रा में सुविधा की योजना पर काम किया जा रहा है। 

- केंद्रीय हज समिति के पास 32,000 करोड की निधि है। इस निधि से ब्याज कमाया जाता है। इस्लाम में ब्याज को अनुचित माना गया है। लिहाजा राज्य हज समिति की ओर से केंद्रीय समिति की निधि के उपयोग के बारे में सुझाव दिए जाएंगे। विरोध भी जताया जाएगा। 

Created On :   13 Jun 2019 3:05 PM IST

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