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ऐसा पहली बार...नोटा को 16 हजार से अधिक वोट, कई उम्मीदवारो की जमानत जब्त
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नन ऑफ द एबॉव (नोटा) अर्थात किसी को नहीं, यह विकल्प अनेक उम्मीदवारों पर विधानसभा चुनाव पर भारी पड़ा। शहर की 6 विधानसभा सीटों पर नोटा को 16 हजार 131 वोट पड़े। ये वोट, 6 सीटों के प्रथम 3 से 4 उम्मीदवारों को मिले वोटों से भी अधिक है। कई उम्मीदवार नोटा के आस-पास भी नहीं पहुंच पाए। नोटा के लिहाज से उनकी जमानत जब्त मानी जा रही है।
आंदोलन का असर
पहली बार नोटा को मिले 16 हजार से अधिक मतों को ‘सेव मेरिट, सेव नेशन’ आंदोलन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले कई दिनों तक आंदोलन कर सभी प्रमुख नेताओं के घर के सामने प्रदर्शन भी किया गया था। आंदोलन के तहत चुनाव में नोटा को वोट देने का ऐलान भी किया था। हालांकि चुनाव के समय इसमें फूट भी पड़ी। एक धड़ा नोटा के पक्ष में रहा तो दूसरा नोटा के खिलाफ। ऐसे में समर्थकों ने नोटा का विकल्प अपनाया और इस विधानसभा चुनाव में नोटा 16 हजार के पार पहुंच गया। कुछ लोगों ने वोट देने निकले ही नहीं। ये भी एक कारण वोट प्रतिशत गिरने का रहा है। सर्वाधिक नोटा दक्षिण-पश्चिम नागपुर, पश्चिम नागपुर और पूर्व नागपुर में दबाया गया। दक्षिण पश्चिम नागपुर में 3033, पश्चिम नागपुर में 3702, पूर्व नागपुर में 3460 वोट नोटा को पड़े। उत्तर नागपुर में 1831, मध्य नागपुर में 2133 और दक्षिण नागपुर में 2341 वोट नोटा को मिले। नोटा को मिले वोट कई लोगों के समीकरण बनाते-बिगाड़ते रहे।
नहीं हुई तीन मशीनों की काउंटिंग
मतगणना के दौरान तकनीकी कारणों से तीन मशीनों की शुरुआत में मतगणना नहीं की जा सकी। किसी मशीन में डिस्प्ले, तो किसी मशीन में 17 सी की समस्या आ रही थी। कंट्रोल यूनिट में 17 सी नहीं होने पर वीवीपैट से काउंटिंग की जाती है। 22 राउंड की मतगणना पूरी होने के बाद 52, 75 व 76 नंबर की मशीन में पड़े वोटों की गिनती की जानेवाली थी। भाजपा प्रत्याशी विकास कुंभारे 3741 वोट से जीते आैर इन तीन मशीनों में केवल 1300 वोट पड़े थे। कुल 1 लाख 62 हजार 382 वोट पड़े। पोस्टल बैलेट से 348 वोट पड़े, जिसमें से 90 वोट रिजेक्ट हुए। तीन मशीनों के सारे वोट भी पराजित उम्मीदवार को मिले, तो भी कुंभारे की हार नहीं हो सकती, इसलिए इन तीन मशीनों में पड़े वोटों की गिनती नहीं की गई। तीनों में से दो मशीनें मुस्लिम बहुल इलाके की बूथ की बताई गई। कांग्रेस प्रत्याशी बंटी शेलके ने कहा कि इन मशीनों की वोटिंग करने पर जीत का फासला कम हो सकता है, लेकिन हार, जीत में बदलना मुश्किल है।
Created On :   25 Oct 2019 6:32 PM IST