महाराष्ट्र में पहली से आठवीं तक की परीक्षा रद्द, पवार बोले नहीं माने लोग तो रेल -बस करनी पड़ेगी बंद

Exams from first to eighth are canceled in Maharashtra
महाराष्ट्र में पहली से आठवीं तक की परीक्षा रद्द, पवार बोले नहीं माने लोग तो रेल -बस करनी पड़ेगी बंद
महाराष्ट्र में पहली से आठवीं तक की परीक्षा रद्द, पवार बोले नहीं माने लोग तो रेल -बस करनी पड़ेगी बंद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण महाराष्ट्र में कक्षा पहली से आठवीं तक की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। राज्य बोर्ड की कक्षा पहली से आठवीं के विद्यार्थियों की परीक्षाएं अप्रैल महीने में होनी थी। शुक्रवार को मंत्रालय में प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की। गायकवाड ने कहा कि कक्षा पहली से आठवीं तक की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया गया है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के साल भर के प्रदर्शन का एकत्रित मूल्यांकन कर उनके रिजल्ट घोषित किए जाएंगे। गायकवाड ने कहा कि कक्षा 9 वीं और कक्षा 11 वीं की परीक्षाएं 15 अप्रैल के बाद ली जाएगी। गायकवाड ने कहा कि राज्य में एसएससी बोर्ड के कक्षा 10 वीं परीक्षा के अब दो पेपर ही बेचे हैं। इन दो पेपर की परीक्षा पहले से घोषित किए गए समय सारिणी के अनुसार होंगे। शनिवार को इतिहास और सोमवार को भूगोल की परीक्षा होगी। गायकवाड ने बताया कि राज्य बोर्ड की कक्षा 12 वीं की परीक्षाएं 18 मार्च को खत्म हो गई हैं। कक्षा 12 वीं के लगभग 15 लाख छात्र परीक्षाएं दे चुके हैं। गायकवाड ने कहा कि स्कूलों में कक्षा 10 वीं के अलावा सभी शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे दी गई है। 

घर पर कॉपी जांचने की मांग पर एतराज 

गायकवाड ने कहा कि एसएससी बोर्ड के पेपर की कॉपियों को घर से जांचने देने की मांग शिक्षकों की तरफ से आई थी। लेकिन शिक्षकों की इस मांग पर एसएससी बोर्ड ने कड़ा विरोध जताया है। एसएससी बोर्ड का कहना है कि पहले घर से कॉपियों को जांचने में अनियमितता हुई हैं। इस लिए एसएससी बोर्ड की ओर से 31 मार्च के बाद इस बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा। 


31 मार्च नहीं अगला आदेश आने तक स्थिति जैसे थी होगी

उधर पुणे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संक्रमण ना हो, इसलिए प्रशासन द्वारा दी गई हिदायतों का पालन करें। आह्वान करने के बाद भी भीड़ हुई तो रेल, बस सेवा भी बंद करनी पड़ेंगी। 31 मार्च नहीं बल्कि अगला आदेश आने तक स्थिति यही होगी। उन्होंने कहा कि जरूरत ना हो तो घर से बाहर ना जाएं। भीड़ टालने की शुरूआत खुद से करनी पड़ेगी। रेल, बस अत्यावश्यक सेवाएं हैं। इसलिए उन्हें बंद नहीं किया जा सकता, लेकिन भीड़ कम नहीं हुई तो सेवाएं बंद करनी पड़ेंगी। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए अगले 15 दिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए हर एक नागरिक इच्छाशक्ति दिखाकर घर मंे रहे। किसी भी अफवाहों पर विश्वास ना करें। पवार ने कहा कि शादी समारोह भी कुछ दिन बाद आयोजित करें। मुमकिन हो तो वधू और वर पक्ष के चुनिंदा रिश्तेदार ही शादी में शामिल हों। कंपनियां बंद होने की वजह से कुछ कंपनियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, लेकिन अब लोगों की जान का सवा्ल है। 

 

Created On :   20 March 2020 8:11 PM IST

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