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नागपुर के इस डॉक्टर ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए किया चीन में ही रहने का फैसला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी महामारी का पूरी दुनिया में फैलाने का सबसे बड़ा कारण होता है लोगों का प्रभावित इलाके से अपने शहर या देश लौटना। एक डॉक्टर होने के कारण मैं यह अच्छी तरह से जानता हूं। ऐसी स्थिति में शंघाई से नागपुर की यात्रा के दौरान संक्रमण से बचे रहना काफी मुश्किल था और मैं अपने शहर और परिवार के लिए खतरा बनकर घर लौटता। मेरी मां डायबिटीज की मरीज हैं। उन्हें कोरोना का खतरा ज्यादा है। ऐसी स्थिति में मैंने शंघाई में रहने का फैसला किया। यह जानकारी शंघाई में रह रहे नागपुर के सुभाषनगर निवासी डॉ अचल श्रीखंडे ने दी है। उन्होंने चीन के शुझोउ विश्वविद्यालय से मेडिकल की पढ़ाई की और अब नौकरी कर रहे हैं। पिछले 15 वर्ष से चीन में रह रहे डॉ श्रीखंडे ने बताया कि चीन में कोरोना फैलने की जानकारी होने के बाद लोगों के वहां से निकलने की हड़बड़ महामारी को पूरी दुनिया में फैलाने का प्रमुख कारण बना।
परिवार से बनाए रखा संपर्क
चीन में कोरोना को लेकर पूरी दुनिया में फैले खबर के बाद परिजन घबरा गए और वापस आने को कहा लेकिन मैंने उन्हें स्थिति के बारे में ठीक से समझाया। घबराहट और परेशानी माहौल में हर दिन घर वालों से संपर्क कर मानसिक शांति बनाए रखने में मदद मिली।
चीन से वापसी की होड़ थमी
डॉ श्रीखंडे ने बताया कि चीन में काफी हद तक कोरोना पर नियंत्रण कर लिया गया है और यहां से वापस जाने की होड़ में कमी आ गई है। उन्होंने बताया कि नागपुर के कुछ लोग शंघाई में हैं, लेकिन वुहान में किसी के होने की जानकारी उन्हें नहीं है। शंघाई में रह रहे नागपुर के लोग अब लौटने के लिए उतावले नहीं हैं। भारतीय समुदाय में इस मुद्दे पर चर्चा होती रहती है। अब उन्हें भरोसा है कि चीन में कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया गया है। अब यहां से ज्यादा खतरा दूसरे देशों में है।
लॉकडाउन का पालन करें लोग
डॉ श्रीखंडे ने बताया कि चीन में संक्रमण की रोकथाम में लॉकडाउन से काफी मदद मिली है। भारत में भी लोगों को लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। इससे जल्द से जल्द हालत पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
Created On :   26 March 2020 6:39 PM IST