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कंज्यूमर फोरम को मिलीं 1604 शिकायतें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपभोक्ताओं के साथ होने वाला अन्याय रोकने के लिए जिला उपभोक्ता मंच कारगर साबित हो रहा है। इसका अनुमान जला उपभोक्ता मंच नागपुर को पिछले 26 महीने में 1604 मिलीं शिकायतों से लगाया जा सकता है। इनमें से 769 मामलों में फैसला उपभोक्ता के पक्ष में रहा आैर 297 ऐसे मामले रहे, जिसका फैसला उपभोक्ता के खिलाफ गया। बिल्डर्स की 662 शिकायतें मिलीं, जिनमें 10 से 20 लाख के 303 मामले थे। जिला उपभोक्ता मंच ने 27 मामलों में 2 लाख 90 हजार का जुर्माना भी लगाया। जिला उपभोक्ता मंच को 26 महीने में 4 लाख 60 हजार 300 रुपए का राजस्व मिला। मंच ने जितने मामलों में जुर्माना किया, उतना जुर्माना संबंधितों द्वारा जमा किया गया। यह खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ है।
इंसाफ के लिए मंच में करें शिकायत
जगह-जगह उपभोक्ताओं पर ज्यादती व अन्याय होता है। कई बार ग्राहक छोटी-छोटी खरीदी में ठगे जाते हैं। संबंधित एजेंसियां उपभोक्ताआें पर ध्यान नहीं देतीं आैर उपभेाक्ता को इंसाफ के लिए उपभोक्ता मंच जाना पड़ता है। ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताआें को इंसाफ व शिकायतों के निवारण के लिए मंच का सहारा लेना चाहिए। फैसलों के मामले में उपभोक्ता मंच का ट्रैक रिकार्ड बहुत अच्छा है। इससे उपभोक्ताआें का मनोबल बढ़ता है। मंच में सुनवाई व फैसला तय समय में हो जाता है, जो अच्छी बात है।-
(अभय कोलारकर, आरटीआई एक्टिविस्ट नागपुर)
मंच में रिक्त हैं 3 पद
बताया जाता है कि जिला उपभोक्ता मंच में कुल 11 पद मंजूर हैं। इसमें प्रबंधक, सहायक लेखाधिकारी, शिरस्तेदार, लघुलेखक (उच्च श्रेणी), लघुलेखक (निम्म श्रेणी), जूनियर क्लार्क, जूनियर क्लार्क, अभिलेखापा, सिपाही, सिपाही ऐसे 11 पद मंजूर हैं। इनसे से प्रबंधक, शिरस्तेदार व जूनियर क्लार्क ऐसे 3 पद खाली पड़े हैं। शहर के उपभोक्ताओंं को किसी भी तरह की खरीदी बिक्री या फिर अन्य किसी मामले में गड़बड़ी होने का अंदेशा होने पर शीघ्र ही कंज्यूमर फोरम से संपर्क करने का आह्वान किया गया है।
Created On :   15 Jun 2018 8:11 AM GMT