- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- नाशिक में 20 साल पुराने ऑटो-टैक्सी...
नाशिक में 20 साल पुराने ऑटो-टैक्सी पर रोक का फैसला सही -हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऑटोरिक्शा व टैक्सी की आयुसीमा निर्धारित किए जाने के संबंध में क्षेत्रिय परिवहन प्राधिकरण (आरटीओ) के फैसले को सही ठहराया है। नाशिक आरटीओ ने 1 जुलाई 2018 से 20 साल पुराने ऑटोरिक्शा व मीटर टैक्सी के परिचालन रोक लगाया था। इस निर्णय के जरिए रजिस्ट्रेशन की तारीख से 20 साल पुराने ऑटोरिक्शा व टैक्सी को सड़कों से बाहर कर दिया गया था। जिसके खिलाफ नाशिक के भद्रकाली आटोरिक्शा यूनियन के अध्यक्ष हैदर मोहम्मद सैयद व एक टैक्सी संगठन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि आरटीओ द्वारा आटोरिक्शा व टैक्सी के संबंध में तय की गई आयु सीमा मनमानी पूर्ण व अवैध है। उसके पास इस तरह का निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। याचिका में कहा गया था कि आरटीओ ने बिना किसी सर्वेक्षण के सिर्फ सरकार की ओर से 29 अप्रैल 2013 को जारी किए गए शासनादेश के आधार पर यह निर्णय लिया है। लिहाजा इसे रद्द कर दिया जाए।
न्यायमूर्ति अकिल कुरेशी व न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता एसडी व्यास ने दावा किया कि सरकार ने ऑटोरिक्शा व टैक्सी के चलने की आयु सीमा को तय करने का निर्णय जनहित में और सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद किया है। यह सरकार का नीतिगत निर्णय है। लिहाजा ऐसे फैसले को लेकर न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है। इसके अलावा आरटीओ के पास मोटर व्हीकल कानून की धारा 66 व 74 के तहत वाहनों के चलने की उम्र तय करने का अधिकार है। इस दौरान खंडपीठ के सामने हकीम कमेटी की रिपोर्ट भी पेश की गई।
याचिका पर गौर करने व राज्य सरकार की दलीलों पर सुनने के बाद खंडपीठ ने पाया कि सरकार ने आटोक्शा किराया तय करने के लिए हकीम कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने इस दौरान आटोरिक्शा व टैक्सी के चलने की उम्र, यात्रियों की सुविधा में सुधार व वाहनों के चलते होनेवाले प्रदूषण के पहलू पर भी गौर किया था। इसके बाद आटोरिक्शा व टैक्सी के इस्तेमाल को लेकर अपनी सिफारिशे सरकार को दी थी आंशिक बदलाव के बाद कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया था। पहले यह रिपोर्ट मुंबई महानगर क्षेत्र तक लागू थी। इसके बाद सरकार ने इस विषय पर शासनादेश जारी कर राज्य के सभी आरटीओ के पास भेजा।
अमरावती, धुले व लातूर में नहीं हुआ लागू
इस बीच खंडपीठ ने सरकार के परिवहन विभाग के अधिकारी की ओर से 31 जुलाई 2019 को दायर किए गए हलफनामे पर गौर करने के बाद पाया कि राज्य के विभिन्न आरटीओ में वाहनों के चलने की उम्र तय की गई। जिसमे नागपुर, औरंगाबाद पुणे व मुंबई के आरटीओ शामिल थे। अभी अमरावती, धुले, नांदेड़ व लातूर में आटोरिक्शा व टैक्सी के चलने की आयुसीमा नहीं तय की गई थी। मामले से जुड़े सभी पहलूओं पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि आरटीओ को आटोरिक्शा व टैक्सी के चलने की आयु सीमा तय करने का अधिकार है। खंडपीठ ने याचिका को तथ्यहीन करार देते हुए उसे खारिज कर दिया।
Created On :   31 Aug 2019 5:42 PM IST