एमआरआई मशीन में हुई मौत , मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए-हाईकोर्ट

Death in mri machine, compensation to the family of the deceased hc order
एमआरआई मशीन में हुई मौत , मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए-हाईकोर्ट
एमआरआई मशीन में हुई मौत , मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एमआरआई मशीन में हुई युवक की मौत के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगर पालिका को युवक के परिजनों को अंतरिम तौर पर दस लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है। 32 वर्षीय राजेश मारु की पिछले साल मुंबई मनपा के नायर अस्पताल में उस समय मौत हो गई थी जब वे अपने एक रिश्तेदार मरीज को एमआरआई की जांच के लिए अस्पताल में बने एमआरआई कक्ष में आक्सीजन सिलेंडर के साथ ले गए थे। तब एमआरआई मशीन चालू थी जिसने मारु को लोहे के आक्सीजन सिलेंडर के साथ अपने भीतर खीच लिया था। मशीन में दम घुटने के चलते मारु की मौत हो गई थी। 

हादसे के बाद मारु के माता-पिता व उसकी अविवाहित बहन ने एक करोड 42 लाख रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मंगलवार को न्यायमूर्ति अकिल कुरेशी व न्यायमूर्ति एसजे काथावाला की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि मुंबई मनपा के अस्पताल में ग्रामीण इलाकों से लोग आते हैं जो इतने शिक्षित व जागरुक नहीं होते है कि एमआरआई कक्ष में जाने से पहले कौन सी सतर्कता बरतनी चाहिए। यह मनपा की जिम्मेदारी है कि वह एमआरआई कक्ष को लेकर हर संभव सतर्ककता व सावधानी बरते। इसके अलावा एमआरआई कक्ष में जो हादसा हुआ है वह मनपा की लापरवाही के चलते हुआ है। क्योंकि मरीज को ले जाने का काम वार्डबॉय का था। चूंकि वार्ड बॉय ने अपने दायित्वों का निवर्हन नहीं किया है और वार्डबॉय मनपा का कर्मचारी है।

ऐसे में मनपा नायर अस्पताल में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में जान गंवानेवाले मारु के परिजनों को मुआवजा देने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है। वहीं मनपा ने इस दौरान मारु के परिजनों की ओर से की गई याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि एमआरआई कक्ष में मारु की लापरवाही से हादसा हुआ है। इसके लिए मनपा को नहीं जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। मनपा ने इस मामले में विभागीय जांच भी शुरू की है। इसके अलावा मारु के परिजनों ने प्रकरण को लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। पुलिस ने अब तक आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं किया है। मुख्यमंत्री कोष से मारु के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजा मिल चुका है। लिहाजा मुआवजे की मांग पर विचार न किया जाए इन दलीलों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने मारु के परिजनों को मनपा को अंतरिम मुआवजे के तौर पर दस लाख रुपए देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कहा कि मारु के परिजन मुआवजे की रकम को राष्ट्रीय बैंक में फिक्स डिपाजिट के रुप में जमा करे और सिर्फ ब्याज की रकम को मामले की सुनवाई पूरा होने तक निकाले। 

 

 

Created On :   17 Sept 2019 6:33 PM IST

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