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टूर्स एंड ट्रैवल्स कंपनी की आड़ में करोड़ों का गबन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। टूर्स एंड ट्रैव्हल्स कंपनी के दो संचालक भाईयों द्वारा करोडों रुपए का गबन करने का मामला उजागर हुआ है। चिट फंड की आड़ में व्यापारियों को ठगा गया है। अभी तक पंद्रह व्यापारियों ने उनकी शिकायत की है। प्रकरण की गंभीरता से सदर थाने में मामला दर्ज कर अपराध शाखा के आर्थीक विभाग को इसकी जांच पड़ताल सौपी गई है। आरोपी हरप्रितसिंह उर्फ चिंटू गुरुमित सिंह अलख 41 वर्ष और उसका भाई मनप्रितसिंह उर्फ बिन्नी गुरुमितसिंह अलख दोनों पांचपावली निवासी है। गड्डीगोदाम चौक में टेक मी अवे नाम से उनका टुर्स एंड ट्रैव्हल्स का दफ्तर है। कड़बी चौक स्थित क्लार्क टाउंन निवासी पीड़ित हरविंदरसिंह इकबालसिंह नरूला 49 वर्ष ने दर्ज शिकायत में बताया है कि अप्रैल 2016 से नवंबर 2018 के बीच मंे आरोपी भाईयों ने व्हर्चुअल कॉस्ट्रीब्युशन स्कीम और मासिक लकी ड्रा के नाम पर लुभावनी योजनाओं का झांसा दिया था। इस कारण हरविंदरसिह और उसके जैसे कई लोगों ने योजनाओं के किस्ताें में रुपए जमा किए थे,लेकिन आज तक उन्हें योजनाओं का लाभ नही मिला है। योजना की आड में आरोपी चिंटू और बिन्नी ने हरविंदरसिंह के 8 लाख 20 हजार रुपए तथा अन्य निवेशकों की रकम का भी गबन किया है। घटित प्रकरण से अभी तक पंद्रह व्यापारियों ने इसकी शिकायत की है। घटना से चिटू और बिन्नी के करीब 2 करोड़ रुपए का गबन किया है,जबकी पीड़ितों का कहना है कि चिंटू और बिन्नी करीब पंद्रह वर्ष से बोली की बिसी चला रहे थे। बिसी का संचालन उनके टुर्स एंड टैव्हल्स कार्यालय से ही हो रहा था। टुर्स एड ट्रैव्हल्स सिर्फ नाम मात्र के लिए था,जबकी असल काम दोनों भाईयों का बिसी का ही था। जिससे हर महीने में करीब 45 बिसियों का संचालन दोनों भाई कर रहे थे। नोट बंदी के बाद 30 बिसियों का संचालन हो रहा था। बिसी पांच लाख से लेकर पच्चीस लाख तक की थी। इस बिसियों के सैकडों सदस्य थे। हर महीने में बिसी की बोली लगने के बाद चिटू और बिन्नी बिसी के सदस्यों को विदेशाें की सैर भी कराते थे। कुछ पीड़ितों का कहना है कि बिसी की रकम से दोनों भाईयों ने अपनी निजी संपति बनाई है। उनका रानी दुर्गावती चौक और सावनेर रोड पर रेस्टारेंट है,जबकी कुछ लोगों का कहना है कि चिटू और बिन्नी के मौज मस्ती के कारण बिसी डूब गई है। पीड़ितों के अनुसार ठगी का आकड़ा से चार से पांच करोड़ रुपए का है। इसकी प्रकरण की गंभीरता से मामले की जांच अपराध शाखा के आर्थीक िवभाग को सौपी गई है।
स्पेअर पार्ट, ट्रान्सपोटर और होटल व्यापारियों का रकम लगी है बिसी में
बिसी में सभी प्रकार के व्यापारी सदस्य थे,लेकिन सबसे ज्यादा स्पेअर पार्ट और ट्रान्सपोर्ट व्यापारियों का रुपए बिसी में फंसा है। शहर के नामी होटल व्यापारी के भी इसमें लाखों रुपए फंसे हुए है।
महीलाएं थी बिसी की सदस्य
सूत्रों के अनूसार कुछ विधवा महिलाओं ने भी बिन्नी और चिंटू के बिसी जमा की थी। ऐसे महिलाओं के करीब चार से लाख रुपए है। घटित प्रकरण से आरोपी भाईयों ने उनकी रकम पर भी हाथ साफ िकया है।
Created On :   11 March 2020 10:26 PM IST