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कोरोना : सरकारी राशन दुकानों पर नहीं लगाना होगा अंगूठा, उद्धव बोले - भीड़ कम नहीं हुई तो बंद हो सकती है लोकल ट्रेन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस के मद्देनजर अब प्रदेश की सरकारी राशन दुकानों में लाभार्थियों को ई-पॉस मशीन पर बैगर अंगूठा लगाए ही अनाज उपलब्ध हो सकेगा। यह सुविधा 31 मार्च तक लागू रहेगी। मंगलवार को प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण मंत्री छगन भुजबल ने दी। भुजबल ने कहा कि राशन दुकानों पर लाभार्थियों को बायोमेट्रिक जांच के बजाय राशन दुकानदार खुद आधार प्रमाणित कर अनाज वितरण ई-पॉस मशीन के माध्यम से कर रहे हैं। इससे लाभार्थियों को ई-पॉस मशीन पर उंगली और अंगूठा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भुजबल ने कहा कि लाभार्थियों को अनाज वितरित करते समय अनाज गबन और अनियमितता नहीं होगी। इसकी सतर्कता दुकानदारों को बरतनी चाहिए। वितरित किए गए अनाज की जिम्मेदारी राशन दुकानदार की होगी। भुजबल ने कहा कि राशन दुकानदार भीड़ कम करने के लिए लाभार्थियों को टोकन देकर निश्चित समय पर दुकान में आने की सूचना दें। इसके साथ ही राशन दुकानों में अनाज लेने वाले लाभार्थी उचित अंतर पर कतार में खड़े रहें। भुजबल ने कहा कि कल्याणकारी संस्थाओं को गोदाम से दिए जाने वाले अनाज वितरित करते समय संबंधित व्यक्ति को साबुन और सैनिटाइजर से हाथ साफ करके ई-पॉस मशीन का इस्तेमाल किया जाए।
भीड़ कम नहीं हुई तो बंद हो सकती है लोकल ट्रेन
उधर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि राज्य में सरकारी कार्यालय बंद नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि मुंबई में उपनगरीय लोकल ट्रेन की सेवाएं भी शुरू रहेंगी। यदि लोकल ट्रेनों में भीड़ कम नहीं हुई तो बंद करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने लोगों से बहुत जरुरी होने पर ही यात्रा करने की अपील की है। राज्य में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। इस बीच मंगलवार को मुंबई के कस्तुरबा अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज करा रहे एक 64 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। बाकी के 40 में से 7 मरीजों में कम तीव्रता का लक्षण है जबकि 1 मरीज गंभीर है। वहीं 32 लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। कोरोना के मरीजों में 27 पुरुष और 13 महिलाएं शामिल हैं। मंगलवार को मुंबई और पिंपरी-चिंचवड़ में एक-एक नए मरीज मिले। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना वायरस की परिस्थिति को लेकर व्यापक चर्चा हुई। बैठक के बाद राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी गई है लेकिन सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत स्टॉफ से कामकाज चलाने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अत्यावश्यक सेवा होने के कारण लोकल ट्रेन और बसों को बंद करने का फैसला नहीं किया है लेकिन ट्रेनों में भीड़ कम नहीं हुई तो मजबूरन ठोस कदम उठाने पड़ेंगे। लोगों को अनावश्यक सफर नहीं करना चाहिए। लोग जरूरत नहीं है तो घर से बाहर न निकले।
मुख्ममंत्री ने कहा कि पुणे में दुकानों को बंद रखने का फैसला किया गया है। मैं मुंबई समेत दूसरे शहरों के दुकानदारों से जरूरी वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर बाकी दुकानें बंद रखने का आह्वान कर रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 15 से 20 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए आम लोगों को खुद ही अनुशासन का पालन करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी धर्मों के धर्म गुरुओं से प्रार्थना स्थलों को बंद रखने की अपील करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वॉरेंटाइन के लिए जो लोग होटल में रहना चाहते हैं वे लोग पैसे भरकर रह सकते हैं।
इसी बीच प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में न्यूनतम स्टॉफ से काम चलाने के बारे में फैसला अगले एक से दो दिनों में ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने बहुत ही सोच विचार कर लोकल ट्रेन सेवा को बंद नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि गरीबों और प्रति दिन नौकरी करके जीवन यापन करने वालों के लिए लोकल ट्रेन सेवा बहुत जरूरी है। इसलिए लोकल ट्रेन सेवा पूरी बंद करना संभव नहीं है। सरकार केवल लोकल ट्रेन से यात्रियों की भीड़ कम करने का प्रयास कम कर रही है।
Created On :   17 March 2020 9:28 PM IST