लगातार बढ़ रहा पोल्यूशन, वेबसाइट पर एक ही स्टेशन की रिपोर्ट अपलोड

Constantly rising pollution, upload report website that too clean
लगातार बढ़ रहा पोल्यूशन, वेबसाइट पर एक ही स्टेशन की रिपोर्ट अपलोड
लगातार बढ़ रहा पोल्यूशन, वेबसाइट पर एक ही स्टेशन की रिपोर्ट अपलोड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में मेट्रो और अन्य विकास कार्यों के चलते शहर में एयर पोल्यूशन बहुत बढ़ गया है, लेकिन शहर के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा की जाने वाली मॉनिटरिंग में एयर पोल्यूशन की स्थिति ठीक है। इसका कारण है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की वेबसाइट पर सबसे स्वच्छ क्षेत्र की रिपोर्ट देना। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पांच एयर पोल्यूशन के स्टेशन हैं, जो शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में बनाए गए हैं। इनमें से एक स्टेशन पिछले कई सालों से बंद है। इस विषय पर अधिकारियों की प्रतिक्रिया ऐसी थी, जैसे उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। पूछने पर बताया कि नेशनल एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में एक ही स्टेशन की रिपोर्ट अपलोड की जाती है।

हिंगना में सबसे अधिक पोल्यूशन
नागपुर में 1 अप्रैल से 20 मई तक का औसत एयर पोल्यूशन भी निकाला है। सिविल लाइंस में 68.94 माइक्रो क्यूबिक मीटर, नार्थ अंबाझरी स्टेशन का 83.5 माइक्रो क्यूबिक मीटर और हिंगना स्टेशन का 98 माइक्रो क्यूबिक मीटर है। शेष दो स्टेशनों का डाटा वेबसाइट पर नहीं होने के कारण उनका औसतन प्रदूषण नहीं मिला है। हिंगना में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया है।

सबसे साफ क्षेत्र की रिपोर्ट होती है अपलोड
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की वेबसाइट पर देश के शहरों के प्रदूषण की स्थिति अपलोड की जाती है। नागपुर शहर के पांच में से केवल एक स्टेशन सिविल लाइंस की स्थिति ही अपलोड की जाती है। सिविल लाइंस स्वच्छ क्षेत्र है, जहां प्रदूषण बिल्कुल कम होता है। इसकी रिपोर्ट अपलोड करने से नेशनल एक्यूआई में नागपुर शहर की प्रदूषण रिपोर्ट भी अच्छी ही नजर आती है और वास्तविक स्थिति छिप जाती है।

एनएक्यूआई में नहीं होती रोज अपलोड
सीपीसीबी की वेबसाइट पर नेशनल एक्यूआई के लिए रोज नागपुर रीजन प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से रिपोर्ट अपलोड करनी होती है, लेकिन इसका भी पालन नहीं होता है। रिपोर्ट कभी एक-दो दिन छोड़कर, तो कभी 3-4 दिन तक अपलोड नहीं होती। 

हर शहर से एनएक्यूआई होती है अपलोड
नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स में देश के दूसरे शहरों के स्टेशनों की रिपोर्ट भी अपलोड की जाती है। जिसमें दिल्ली के 33, गाजियाबाद के 3, हावड़ा के 3, जयपुर के 3, बंगलुरु के 8, हैदराबाद के 5 और अन्य शहरों की रिपोर्ट रोजाना अपलोड होती है, लेकिन नागपुर के केवल एक स्टेशन की रिपोर्ट अपलोड होती है।

पांच स्टेशन कहां हैं
शहर में वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग करने के लिए पांच स्टेशन सिविल लाइंस, डिवीजनल कमिश्नर ऑफिस, नार्थ अंबाझरी रोड, हिंगना रोड और सदर में हैं। सिविल लाइंस स्टेशन की रिपोर्ट एमपीसीबी पर रोज अपलोड की जाती है। बाकी की रिपोर्ट हफ्ते में दो बार की जाती है, लेकिन एक स्टेशन सालाें से बंद है। यह स्टेशन डिवीजनल कमिश्नर ऑफिस पर है। अधिकारियों का कहना है कि डाटा रोज आता है, टेक्निकल समस्या के कारण हो सकता है डाटा अपलोड नहीं हुआ हो।

प्रदूषण को ऐसे समझें
एयर क्वालिटी जांचने के लिए बेसिक मानक सस्पेंडेड पार्टिक्यूलेट मैटर होते हैं। इसे भी दो भागों में बांटा गया है। पीएम 2.5 और दूसरा पीएम 10। पीएम 2.5 घातक होता है, क्योकि पार्टिक्यूलर मैटर का साइज 2.5 माइक्रॉन से कम होता है, जिससे यह सीधे श्वास द्वारा लंग्स में चला जाता है। दूसरा होता है पीएम 10, इसमें 2.6 से 10 माइक्रॉन साइज के पार्टिकल की मॉनिटरिंग की जाती है। पीएम 2.5 की मात्रा वायु में 100 से कम होनी चाहिए। यदि यह बढ़ जाती है, तो प्रदूषण होता है।

Created On :   11 Jun 2019 2:19 PM IST

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