बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते नागपुर पहुंची नकली नोटों की खेप

Consignment of fake notes reached nagpur via bangladesh from west bengal
बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते नागपुर पहुंची नकली नोटों की खेप
बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते नागपुर पहुंची नकली नोटों की खेप

डिजिटल डेस्क,  नागपुर।  बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते से नागपुर में नकली नोट लाने का बड़ा खुलासा हुआ है। 2 हजार और 5 सौ रुपए के नकली नोटों की बड़ी खेप नागपुर में पकड़ी गई। राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की नागपुर आंचलिक यूनिट ने लगातार तीसरे दिन अर्थात 72 घंटे कार्रवाई कर 18 लाख 74 हजार 500 रुपए बरामद करते हुए एक आदमी को गिरफ्तार किया।  

खुफिया जानकारी मिली थी
जानकारी के अनुसार, डीआरआई के खुफिया अधिकारियों को सूचना मिली थी कि आरोपी बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में  घुसते हैं और फिर वहां से विभिन्न यातायात साधनों से नागपुर पहुंचते हैं। सोमवार को हजरत ताजुद्दीन बाबा दरगाह (बड़ा ताजबाग) में डीआरआई की खुफिया टीम ने वेश बदलकर दबिश दी। लालू खान (38) को 13 लाख 67 हजार 500 रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। वहीं, बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते ट्रेन से नागपुर पहुंचे 3 अन्य लोगों को सीताबर्डी से योजना बनाकर हिरासत में लिया गया है।

इस कार्रवाई में  89 हजार रुपए और 4 लाख 18 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए। लालू खान को न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से 18 जनवरी तक की रिमांड पर भेजा गया है। लालू खान की नागरिकता का सवाल फिलहाल बना हुआ है,हालांकि वह बिहार के होने की जानकारी मिली है। वहीं, डीआरआई यूनिट के अनुसार गत 10 जनवरी को डीआरआई के नेतृत्व में कस्टम विभाग ने नागपुर विमानतल पर करीब 60 लाख रुपए के 1700 ग्राम सोना जब्त की थी।

बांग्लादेश के बॉर्डर पर चल रही कार्रवाई
नकली नोट के मामले में पकड़े गए लोगों से लगातार पूछताछ चल रही है। वहीं, उनकी निशानदेही पर बांग्लादेश बॉर्डर के 5 किलोमीटर अंदर कुछ लोगों के होने की सूचना मिली है, जिसके आधार पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) कार्रवाई कर रहा है।

नकली और असली में ये है अंतर
नकली और असली सामान्य तौर पर देखने में एक जैसे ही दिखाई पड़ रहे हैं। नोट के अंदर एक हरे रंग का तार रहता है, जो सामने से देखने पर हरे रंग का िदखाई देता है और जब नोट को झुकाया जाता है तो वह नीले रंग का दिखाई देता है, लेकिन नकली नोट में वह अपना रंग नहीं बदलता है और वह हमेशा हरे रंग का ही दिखाई देता है।

नागपुर में इसलिए घातक
गड़चिरोली के अलावा नागपुर के आस-पास के एरिया में हमेशा नक्सली गतिविधियाें की आशंका बनी रहती है, ऐसे में यदि यह पैसा वहां पहुंचने लगा तो एक बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।

पहले लाया था 10 लाख रुपए
लालू खान इसके पहली वाली खेप में 10 लाख रुपए के नकली नोट लेकर आया था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि वह करीब 4 बार नकली नोट लेकर आया है, जिसमें अब तक कुल 50 लाख रुपए होने की आशंका जताई जा रही है।

जांच के बाद होगा खुलासा
जांच के बाद खुलासा होगा कि आखिरकार यह नोट बांग्लादेश में छपते हैं या फिर वहां भी किसी दूसरे देश से पहुंचते हैं। विशेष बात यह है कि नोट कहां छापे जाते हैं, इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ। बांग्लादेश के अलावा अन्य पड़ोसी देशाें में भी इनके छपने की आशंका है।

जांच के लिए नाशिक भेजे गए नोट
कार्रवाई में पकड़े गए 2 हजार और 5 सौ रुपए के नकली नोटों को जांच के लिए फेक इंडियन करेंसी नोट्स (एफआईसीएन) के नियम के तहत जांच के लिए नाशिक की प्रिंटिंग प्रेस भेजा गया है। जांच के बाद सामने सामने आएगा कि नोटों का असली के अंतर में कितने फीसदी है।

48 रुपए में सौ रुपए
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नकली नोट के 100 रुपए खरीदने के लिए 48 रुपए देने पड़ते हैं। हालांकि अभी यह एक बड़ा विषय बना हुआ है कि नागपुर में लाखों रुपए को कैसे खपाया जाता था। यहां वह एजेंट के माध्यम से नोटों को खपाता था या फिर डायरेक्ट बाजार में सामान खरीददारी जैसे व्यापार में लगाकर उनको खपाता था।
 

Created On :   16 Jan 2020 4:46 AM GMT

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