मंत्रियों पर विपक्ष ने दागा निशाना तो सीएम ने कहा, हाईकोर्ट ने कामकाज करने से नहीं रोका

Cm say submit reply hc on plea challenging appointment of minister
मंत्रियों पर विपक्ष ने दागा निशाना तो सीएम ने कहा, हाईकोर्ट ने कामकाज करने से नहीं रोका
मंत्रियों पर विपक्ष ने दागा निशाना तो सीएम ने कहा, हाईकोर्ट ने कामकाज करने से नहीं रोका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस छोड़ भाजपा सरकार में मंत्री बने राधाकृष्ण विखे पाटील और राकांपा छोड़ शिवसेना में आए जयदत्त क्षीरसागर व आरपीआई नेता अविनाश महातेकर को बगैर किसी सदन के सदस्य बने मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष ने फिर आपत्ति जताई है। इस मामले में बांबे हाईकोर्ट द्वारा इन तीनों नेताओं को नोटिस जारी करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इन मंत्रियों को कामकाज से दूर रखे जाने की मांग की है। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोर्ट की नोटिस को सामान्य अदालती कार्यवाही बताते हुए चव्हाण की मांग खारिज कर दी।  

मंगलवार को कांग्रेस सदस्य पृथ्वीराज चव्हाण ने तीनों नेताओं के मंत्री बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे तीनों मंत्रियों को कामकाज करने से रोकें जवाब में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हाईकोर्ट ने नोटिस में इनके कामकाज पर रोक नहीं लगाई है इसलिए इन्हें कामकाज करने से रोकने की कोई जरूरत नहीं है। इसके पहले कांग्रेस के चव्हाण ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए संविधान में संशोधन किया था। उसके अनुसार यदि कोई विधायक अपने पद से इस्तीफा देता है तो वह उस सदन का कार्यकाल खत्म होने तक फिर से विधायक या मंत्री नहीं हो सकता। तीनों नेताओं को बगैर किसी सदन की सदस्यता के मंत्री बनाए जाने का मामला हाईकोर्ट में गया है। 

कोर्ट ने विधानमंडल, राज्यपाल और संबंधित मंत्रियों को नोटिस जारी किया इस मामले में मुख्यमंत्री ने महाधिवक्ता से सलाह ली है। इसलिए हमारी मांग है कि इस मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए राज्य के महाधिवक्ता को सभागृह में बुलाया जाए। साथ ही हमें उनसे सवाल करने की अनुमति दी जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस देते हुए, उन्हें जवाब देने के लिए 1 महीने का समय दिया है। फडणवीस ने कहा कि यदि मामला इतना गंभीर होता तो कोर्ट एक महीने का समय नहीं देता। हम हाईकोर्ट में अपनी बात रखेंगे। महाधिवक्ता को यहां बुलाने की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने मंत्रियों को कामकाज से नहीं रोका है। 

Created On :   25 Jun 2019 6:15 PM IST

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