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महाराष्ट्र के मुर्गी पालकों को केन्द्र सरकार दे मदद : शिवसेना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बाद मुर्गीपालन उद्योग को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई है। पार्टी के सांसदों ने मंगलवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और महाराष्ट्र में मुर्गीपालन में लगे किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। शिवसेना सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल संसद भवन स्थित वित्त मंत्री के कार्यालय में उनसे मुलाकात कर उन्हें संबंधित मांगपत्र सौंपा। इन सांसदों ने वित्त मंत्री को बताया कि कोरोना के चलते लोग मुर्गा खाने बच रहे हैं। इससे महाराष्ट्र में मुर्गीपालन उद्योग पूरी तरह प्रभावित हुआ है। महाराष्ट्र में मुर्गीपालकों की स्थिति वर्ष 2006 व 2010 के बर्ड फ्लू से भी ज्यादा खराब हो गई है। ऐसे में सरकार मुर्गीपालक किसानों को इस संकट से निकालने के लिए तत्काल मदद उपलब्ध कराए। सीतारमण से मिलने वाले शिवसेना के सांसदों में अरविंद सावंत, विनायक राऊत, हेमंत गोडसे, राजेन्द्र गाविट और राहुल शेवाले शामिल थे।
सांसद सोनी ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई
राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने मंगलवार को संसद में बाल (चाइल्ड) पोर्नोग्राफी के समाज में बढ़ते दुष्प्रभाव का मसला उठाया और सरकार से इस पर पाबंदी लगाने की मांग की है। उन्होने यह मसला राज्यसभा में विशेष उल्लेख के तहत उठाया और कहा कि अश्लील फिल्में देखकर बच्चों द्वारा की जा रही घटनाएं चिंतित करने वाली है। सोनी ने सदन में कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी कोरोना वायरस से कम बड़ी समस्या नहीं है। सदन में इससे पहले भी इस संबंध में चिंता व्यक्त की जा चुकी है और सरकार ने कार्रवाई करते हुए 857 ऐसे साइटों और कंपनियांे पर प्रतिबंध भी लगाया है। बावजूद इसके हाल ही में देहरादून, भोपाल और पटना में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो शर्मसार करने वाली है। देहरादून में 8 वर्ष की बच्ची को अकेला पाकर उसके सगे भाई ने ही अपने चार मित्रों के साथ मिलकर बलात्कार किया तो भोपाल में पिछले बुधवार को सिविल इंजीनियरिंग के छात्र ने एक 5 साल की बच्ची के साथ अश्लील हरकत करने की कोशिश की। बाद में पता चला कि युवकों ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी की फिल्म देखकर यह हरकत की। सांसद सोनी ने कहा कि दैनिक भास्कर समाचारपत्र और नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं, जो सराहनीय है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि इस मामले में सरकार सख्त कदम उठाए ताकि नौजवान पीढ़ी को इस बुराई से बचाया जा सके।
राज्यसभा में 68 साल बाद पहली बार गूंजी कोंकणी
मंगलवार को राज्यसभा में 68 साल बाद पहली बार किसी सांसद ने कोंकणी भाषा में अपनी बात रखी है। सभापति वेंकैया नायडू की पहल के बाद भाजपा सांसद विनय तेंदुलकर ने शून्यकाल के दौरान गोवा में होने वाली बुल फाइट ‘धीरियो’ के बारे में कोंकणी में भाषण दिया। धीरियो तमिलनाडू में होने वाली बुल फाइट जल्लीकट्टू की तरह का एक खेल है। 68 साल बाद उच्च सदन में किसी सदस्य द्वारा कोंकणी भाषा में अपनी बात रखने पर सभापति नायडू ने खुशी जताई है। उन्होने वक्ता विनय तेंदुलकर और उनके कोंकणी भाषण को सटीक ढंग से अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली सुश्री श्रेया राणे की प्रशंसा की है। राणे दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हैं जिन्हें अस्थायी तौर पर राज्यसभा सचिवालय ने दुभाषिए के तौर पर रखा है। सांसद विनय तेंदुलकर ने भी सदन में उनकी मातृभाषा कोंकणी में बोलने का अवसर देने के लिए सभापति वेंकैया नायडू का आभार जताया है। दरअसल नायडू की कोशिश है कि संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल सभी 22 भारतीय भाषाओं को बढ़ावा मिले और इसे सदन में भी बेहिचक बोला जाए।
Created On :   17 March 2020 8:36 PM IST