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विदर्भ के किसानों को घटिया दर्जे के कृषि औजार देने वाली चार कंपनियां हुई ब्लैक लिस्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ पैकेज के तहत किसानों को दोषपूर्ण और निकृष्ट दर्जे के कृषि औजार देने वाली चार उत्पादक कंपनियों को दो साल के लिए काली सूची में डालने का फैसला किया गया है। प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया है।
अकोला के मूर्तिजापुर की धारस्कर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालना के औरंगाबाद रोड स्थित जगदंबा एग्रो इंजीनियरिंग, चेन्नई की विजय विलियन्स कंपनी, मुंबई के गोरेगांव पूर्व स्थित सदर्न एग्रो-अंबिका इंजीनियर्स को काली सूची में डाल दिया गया है। राज्य सरकार का कृषि विभाग अब इन कंपनियों से कृषि औजार और सामग्री नहीं मंगाएगा। विदर्भ पैकेज में 6 जिले शामिल हैं। इसमें किसान आत्महत्याग्रस्त अमरावती, अकोला, बलुढाणा, यवतमाल, वाशिम और वर्धा शामिल है। राज्य सरकार ने 19 दिसंबर 2005 में विदर्भ पैकेज के तहत किसानों को अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद करने का फैसला किया था।
सरकार के 13 फरवरी 2006 के शासनादेश के तहत आर्थिक रूप से कमजोर 60 हजार किसानों को 25 हजार रुपए के हिसाब से तीन साल तक 150 करोड़ रुपए की निधि उपलब्ध कराई गई थी। कंपनियों द्वारा किसानों को खाद, खेती के औजार, बैल, पाइप लाइन, बोरिंग, पंप मशीन, पुराने कुएं की मरम्मत, पुष्प उत्पादन समेत अन्य कामों के लिए सामग्री दी गई थी। कृषि सामग्री में अनियमितता पाए जाने पर 13 दिसंबर 2007 को महाराष्ट्र फलोत्पादन व औषधि वनस्पति मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल शेट्टी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई।
इस समिति ने 1 सितंबर 2008 को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई कृषि सामग्री खराब और दोषपूर्ण थी। इसके बाद इन कंपनियों को सभी खराब सामग्री बदलने का आदेश दिया गया। लेकिन किसानों को बदलकर दी गई कृषि सामग्री भी खराब पाई गई। सरकार की बार-बार चेतावनी के बावजूद कंपनी ने खराब सामग्री को दोबारा बदलकर नहीं दिया। इसके मद्देनजर अब संबंधित कंपनियों को काली सूची में डालने का फैसला किया गया है।
Created On :   19 May 2019 8:04 PM IST