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पंकजा को झटका - बीड में एनसीपी के साथ आए भाजपा के मित्र मेटे, उम्मीदवार को समर्थन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा नेता व प्रदेश की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे और विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे में जारी जुबानी जंग के बीच बीड़ लोकसभा सीट की चुनावी लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। भाजपा के सहयोगी तथा शिवसंग्राम के प्रमुख विनायक मेटे ने बीड़ लोकसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस के उम्मीदवार बजरंग सोनवणे का साथ देने का फैसला किया है। गुरुवार को बीड़ में आयोजित सभा में मेटे ने अपने समर्थकों को राष्ट्रवादी कांग्रेस के उम्मीदवार सोनवणे के लिए काम करने करने का निर्देश दिया। पिछले सप्ताह राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक जयदत्त क्षीरसागर ने बीड़ सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रितम मुंडे के समर्थन की घोषणा की थी।
शिवसंग्राम को खत्म करने में जुटी हैं पंकजा मुंडे: विनायक
‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में मेटे ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीड़ की पालक मंत्री पंकजा ने साढ़े चार साल में शिवसंग्राम को राजनीतिक रूप से खत्म करने की हर संभव कोशिश की है। उन्होंने शिवसंग्राम के कार्यकर्ताओं को काफी नुकसान पहुंचाया है। हमने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने पंकजा को शिवसंग्राम के नेताओं के साथ बैठक कर विवाद सुलझाने को कहा था। लेकिन पंकजा ने मुख्यमंत्री की बात नहीं सुनी। उन्होंने शिवसंग्राम के नेताओं को बुलाना तो दूर फोन पर बात तक नहीं की। लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद बीड़ में भाजपा उम्मीदवार प्रितम के प्रचार में बैनर और पोस्टर पर कहीं पर भी शिवसंग्राम का उल्लेख नहीं किया गया। जब पंकजा से पत्रकारों ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि हमें शिवसंग्राम की जरूरत नहीं है।
मेटे ने कहा कि जब पंकजा को शिवसंग्राम की आवश्यकता नहीं है तो हमारे कार्यकर्ता उनके लिए काम क्यों करें। इसलिए मैंने कार्यकर्ताओं से कहा है कि जिसको आप की जरूरत है उसके लिए काम किया जाएगा। मेटे ने कहा कि पूरे राज्य में शिवसंग्राम के कार्यकर्ता महायुति के साथ में रहेंगे केवल बीड़ में भाजपा का साथ नहीं देंगे। इस फैसले से भाजपा की नाराजगी के सवाल पर मेटे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पंकजा के आदेश का पालन नहीं किया तो हमारे सामने विकल्प क्या था?
दरअसल शिवसंग्राम के नेता मेटे बीड़ के पालक मंत्री पंकजा से नाराज हैं जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक क्षीरसागर पार्टी नेता धनंजय से खफा चल रहे हैं। इसलिए मेटे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस और क्षीरसागर ने भाजपा का साथ देने का फैसला किया है। मेटे मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण लंबे समय से भाजपा से नाराज चल रहे हैं। मेटे विधानसभा चुनाव में पाला बदलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ आ सकते हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले मेटे राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ ही थे।
Created On :   11 April 2019 9:38 PM IST