जल निवारण के लिए बिना लेखाजोखा के 7 करोड़ रुपए मंजूर

7 crores sanctioned without accounting for water drainage, nagpur
जल निवारण के लिए बिना लेखाजोखा के 7 करोड़ रुपए मंजूर
जल निवारण के लिए बिना लेखाजोखा के 7 करोड़ रुपए मंजूर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जलसंकट निवारण उपाय योजना के लिए 15 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गई है। इस निधि से नए बोरवेल लगाने, कुओं का अधिग्रहण, कुओं की गाद निकाल कर गहराई बढ़ाने, जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत आदि उपाय किए जाएंगे। यदि बोरवेल खुदाई को छोड़ दें, तो अन्य उपाय योजना पर किए गए खर्च का विभाग के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। इसके बावजूद जलसंकट निवारण उपाय योजना पर 7 करोड़ की निधि अतिरिक्त मंजूर की  गई है।

सूत्रों ने बताया कि जलसंकट निवारण उपाय योजना अंतर्गत 70 प्रतिशत बोर खोदे गए हैं। इसमें से आधे से अधिक बोर पर अभी तक हैंडपंप नहीं लगाए गए हैं। बाेरवेल छोड़ अन्य उपाय योजना का विभाग के पास लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं रहने की जानकारी सामने आई है। विभाग के पास किए गए कार्यों की जानकारी नहीं रहने से आखिर निधि कहां खर्च की गई, यह सवाल बना हुआ है।

पानी के लिए दर-दर भटक रहे लोग
पिछले वर्ष कम बारिश होने से इस वर्ष भीषण जलसंकट का अनुमान पहले ही व्यक्त किया गया था। फरवरी-मार्च महीने से अनेक गांवों में जलसंकट शुरू हो गया। संभावित जलसंकट से निपटने के लिए 15 करोड़ के नियोजन प्रारूप को जिलाधिकारी कार्यालय से मंजूरी देकर निधि आवंटित की गई। ग्रामीण क्षेत्र में नागरिक भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं। जलसंकट निवारण उपाययोजना पर अमल करने में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के नाकाम रहने से नागरिक पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

कुओं की गहराई पर खर्च में गड़बड़ी
जलसंकट को मात देने के लिए हर वर्ष कुओं का अधिग्रहण और गहराई बढ़ाने पर करोड़ों रुपए की निधि खर्च की जाती है, जबकि जानकारों का मानना है कि कुआं 8-10 वर्ष में गाद से भरता है। गहराई बढ़ाने की तब आवश्यकता पड़ती है, जब जलस्तर नीचे चला जाता है। जलसंकट निवारण उपाय योजना अंतर्गत हर वर्ष उन्हीं कुओं की गाद निकालने और गहराई पर खर्च किया जाता है। खास बात यह है कि विभाग के पास किए गए कार्यों की जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। बेवजह कुओं की गहराई पर खर्च में झोल होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसके बावजूद 7 करोड़ रुपए अतिरिक्त मंजूर किए गए हैं। इस विषय पर जिलाधिकारी की लापरवाही से बढ़ावा मिलने की जिला परिषद के गलियारे में चर्चा है।

Created On :   10 Jun 2019 1:32 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story