किसानों के खाते में जमा किए 4412.57 करोड़ रुपए, हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने दी जानकारी

किसानों के खाते में जमा किए 4412.57 करोड़ रुपए, हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने दी जानकारी
किसानों के खाते में जमा किए 4412.57 करोड़ रुपए, हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित इलाके के 67 लाख 32 हजार किसानों को वित्तीय सहयोग प्रदान किया है। आर्थिक मदद के रुप में सीधे किसानों के खाते में 4412.57 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। सरकार ने यह हलफनामा सूखे के मुद्दे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता डाक्टर संजय लाखे पाटील की ओर से दायर की गई याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार सूखे से निपटने के लिए कानून के तहत जरुरी कदम नहीं उठा रही है।  पिछली सुनवाई के दौरान पाटील की याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोई जवाब न आने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा था कि सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए कितना वक्त चाहिए? 

67 लाख 32 हजार किसानों को लाभ 

इस विषय को लेकर अदालत के कड़े रुख को देखते हुए राज्य सरकार के राहत व पुनर्वास विभाग के उपसचिव ने शुक्रवार को हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में कहा गया है कि सरकार ने सूखे से परेशान किसानों के लिए 49095.51 करोड़ रुपए के वित्तीय सहयोग की घोषणा की है। इस राशि में से 4412.57 करोड़ रुपए 67 लाख 32 हजार किसानों के बैंक खाते में जमा कर दी गई है। राज्य के 268 राजस्व सर्कल में सूखा घोषित किया गया है। जबकि 5449 गांव में सूखे जैसे हालत की स्थिति पायी गई है। सूखा ग्रस्त इलाके के किसानों से कर्ज वसूली पर रोक लगाई गई है। ऐसे इलाकों के किसानों को राजस्व कर से छूट दी गई है। किसानों की बिजली काटने पर भी रोक लगाई गई है। इसके अलावा किसानों को बिजली बिल में रियायत दी गई है। सूखा प्रभावित इलाकों में टैंकर से पानी की आपूर्ति करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इन इलाकों के बच्चों के स्कूल व कालेज की फीस माफ की गई है। राज्य सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस विषय पर चर्चा की गई है। इस मामले को देखने के लिए राहत व पुनर्वास विभाग के अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन से जुड़े समूह का गठन किया गया है।

सरकार ने 1440 चारा छावनी बनाई

सूखा प्रभावित जिले के जिलाधिकारी को इलाके में चारा की उपलब्धता की समीक्षा करने को कहा गया है।  सरकार ने 1440 चारा छावनी बनाई है। जहां नौ लाख से अधिक जानवर रह रहे हैं। दूध उत्पादक किसानों को भी राहत देने पर्याप्त कदम उठाए हैं। इसके अलावा इन इलाकों को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार देने का निर्देश दिया गया है। जलाशयों में उपलब्ध पानी को प्राथमिकता से पीने के लिए उपलब्ध कराने को कहा गया है। पहाड़ी इलाके में रहनेवाले लोगों के लिए राशन उपलब्ध कराने का भी निर्देश जारी किया गया है। कुल मिलाकर सरकार ने सूखे से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। इसलिए याचिकाकर्ता पाटील की ओर से दायर किए गए आवेदन को खारिज कर दिया जाए। क्योंकि यह सुनवाई योग्य नहीं है। पाटील के आवेदन पर हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई रखी है। 
 

Created On :   24 May 2019 7:09 PM IST

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