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Mumbai News: कोरोना महामारी में करोड़ों के कथित ऑक्सीजन आपूर्ति घोटाले में पर्याप्त सबूत नहीं

- कथित ऑक्सीजन आपूर्ति घोटाले में बीएमसी इंजीनियरों एवं अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं
- बीएमसी आयुक्त ने हाई कोर्ट में हलफनामा किया दाखिल
- बीएमसी आयुक्त ने इंजीनियरों एवं अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की नहीं दी मंजूरी
Mumbai News. मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त ने बॉम्बे हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि कोरोना काल में करोड़ों रुपए के ऑक्सीजन आपूर्ति घोटाले में बीएमसी इंजीनियरों एवं अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है। इसलिए मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी गई।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ के समक्ष म्युनिसिपल इंजीनियर्स एसोसिएशन की ओर से वकील हर्षवर्धन सूर्यवंशी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान बीएमसी की ओर से पेश हुए वकील जो.एल.कार्लोस ने पीठ को बताया कि कोरोना काल में ऑक्सीजन आपूर्ति घोटाले से जुड़े कुल चार मामले हैं। इन मामलों में बीएमसी इंजीनियरों एवं अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है। बीएमसी आयुक्त ने इन मामलों में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी गई है।
वकील कार्लोस ने बीएमसी आयुक्त की ओर से संयुक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) को दिए जवाब को प्रस्तुत किया, जिसे अदालत ने रिकॉर्ड पर स्वीकार कर लिया। अतिरिक्त सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने पीठ को बताया कि ईओडब्ल्यू ने मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। पुलिस ने 19 अप्रैल 2024 को बीएमसी के इंजीनियरों और अधिकारियों को आरोपी के रूप में एफआईआर में शामिल करने की अनुमति मांगी थी।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अनिवार्य रूप से अपने खिलाफ एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध कर रहे हैं। इसलिए उन्हें अपनी याचिका में संशोधन करना चाहिए और उचित पीठ से संपर्क करना चाहिए। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने ऑक्सीजन आपूर्ति घोटाले को व्यापक रूप से उजागर किया था। कोरोना महामारी के दौरान जंबो सेंटरों की स्थापना, रेमडेसिविर इंजेक्शन, बॉडी बैग की खरीद और खिचड़ी के वितरण से संबंधित कथित घोटालों को लेकर बीएमसी इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ 4 एफआईआर दर्ज की गई थीं। ऑक्सीजन सिलेंडर घोटाले के नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में बीएमसी के अज्ञात कर्मचारियों का उल्लेख किया गया है। मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है।
म्युनिसिपल इंजीनियर्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में बीएमसी इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में मुकदमा चलाने को चुनौती दी गई। याचिकाकर्ताओं के वकील अनिल अंतुरकर ने दलील दी कि कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडरों की भारी कमी थी और इसके कारण मुंबई में 59 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए। इससे पहले पीठ ने बीएमसी आयुक्त को निर्देश दिया था कि वे इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने पर निर्णय लेने से पहले सावधानी से विचार करें।
Created On :   8 April 2025 9:20 PM IST