Mumbai News: मुख्यमंत्री राहत कोष में फंड की कमी के चलते राज्य सरकार ने केंद्र को दी विदेशी चंदा लेने की अर्जी

मुख्यमंत्री राहत कोष में फंड की कमी के चलते राज्य सरकार ने केंद्र को दी विदेशी चंदा लेने की अर्जी
  • केंद्रीय गृह विभाग जल्द ले सकता है फैसला
  • फंड की कमी के चलते राज्य सरकार ने केंद्र को दी विदेशी चंदा लेने की अर्जी

Mumbai News सोमदत्त शर्मा। महाराष्ट्र में चल रही लाडली बहन जैसी लोकलुभावन योजनाओं के चलते दूसरे विभागों के बजट पर असर दिखना शुरू हो गया है। यहां तक कि मुख्यमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री चिकित्सा कक्ष में भी फंड के लिए मारामारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री राहत कोष में फंड की कमी न हो इसके लिए अब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रमुख विदेशी संस्थानों, संगठनों और प्रवासी भारतीयों से चंदा लेने की अनुमति मांगी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह ही केंद्रीय गृह विभाग को पत्र लिखकर विदेशों से चंदा लेने की अनुमति मांगी है। जिस पर फैसला अगले कुछ दिनों में हो सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा फंड का इस्तेमाल प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, भूकंप के समय जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने एवं सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले व्यक्तियों और उनके परिवारों को राहत देने के लिए होता है। नियमों के अनुसार एक बार सीएम राहत कोष से किसी ने सहायता प्राप्त कर ली तो कोई भी लाभार्थी अगले तीन वर्षों तक फिर से इस फंड से सहायता का दावा नहीं कर सकता। लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए अब सीएम राहत कोष भी फंड का अभाव झेल रहा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर विदेशों से चंदा लेने का फैसला किया है। खबर है कि अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार की इस मांग को केंद्र से मंजूरी मिल सकती है। जब फडणवीस पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो सीएम राहत कोष में पैसे खत्म हो गए थे। इसके बाद फडणवीस ने शीर्ष उद्योगपतियों के साथ एक बैठक की थी और 24 घंटे के भीतर ही 10 करोड़ रुपये जुटा लिए थे।

कैसे मिलता है विदेशी चंदा?

विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए)- 2010 के तहत विदेशी चंदे की स्वीकृति और उपयोग को नियंत्रित करता है। किसी भी ट्रस्ट, संगठन, संस्था या सरकार को विदेशों से फंड लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुमति लेनी होती है। अगर बगैर केंद्रीय गृह विभाग की अनुमति के कोई भी विदेश से फंड लेता है तो उस पर एफसीआरए के तहत कार्रवाई हो सकती है।

राहत बांटने का आंकड़ा बढ़ा

साल 2015-16 में लगभग 48 हजार 500 मरीजों को राहत कोष से लगभग 33 करोड़ बांटे गए थे, जबकि साल 2016-17 व 2017-18 में वितरित की गई राशि बढ़कर 150 करोड़ तक पहुंच गई। साल 2024-25 में तो यह खर्च बढ़कर 300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। ऐसे में विदेशी फंडिंग के सरकार के फैसले से सरकार को मिलने वाले आवेदनों और वितरण की राशि में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

भंडारा में तुमसर के एसडीओ और तहसीलदार निलंबित

उधर भंडारा के तुमसर उपविभाग में अवैध बालू उत्खनन रोकने में पूरी तरह से विफल हुए उपविभागीय अधिकारी (एसडीओ) दर्शन निकालजे और तहसीलदार मोहन टिकले को निलंबित कर दिया गया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के निर्देश के बाद निलंबन का आदेश जारी किया गया है। नागपुर के विभागीय राजस्व आयुक्त ने जांच में दोनों अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के संबंध में रिपोर्ट सौंपी थी। तुमसर में पर्यावरण विभाग की अनुमति नहीं होने के बावजूद बालू घाटों पर अवैध रूप से उत्खनन शुरू था। इससे पहले मार्च में बजट अधिवेशन के दौरान विधानसभा में विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए भंडारा में अवैध रेती उत्खनन रोकने और रेती के डंपर हादसे में जख्मी होने वालों को नुकसान भरपाई देने का मुद्दा उठाया था। जिस पर राजस्व मंत्री ने नागपुर के विभागीय आयुक्त से सात दिनों में जांच कराने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

Created On :   9 April 2025 10:34 PM IST

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