गोंदिया के 42 तालाब और 25 प्रकल्प सूखे , जलसंकट से बिगड़े हालात

42 ponds and 25 project of gondia are dry, threatened situation
गोंदिया के 42 तालाब और 25 प्रकल्प सूखे , जलसंकट से बिगड़े हालात
गोंदिया के 42 तालाब और 25 प्रकल्प सूखे , जलसंकट से बिगड़े हालात

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले को तालाबों का जिला कहा जाता है। किंतु नियोजन के अभाव में तालाब मैदान का रूप ले रहे हैं। जिस वजह से तालाब में जितना पानी संग्रहित होना होता है, उतना नहीं हो पाता और ग्रीष्मकाल के पूर्व ही अर्थात मार्च माह से ही तालाब सूखने की कगार पर आ जाते हैं।  पिछले कुछ वर्षों से यह क्रम लगातार चला रहा है। सिंचाई विभाग ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें बताया गया है कि जिले के 42  मामा तालाब व 25  मध्यम व लघु प्रकल्पों में पानी 0 प्रतिशत पर आ चुका है। अर्थात यह तालाब डेड स्टोरेज में पहुंच चुके हैं। इस तरह की स्थिति तालाबों के जिले में ही निर्माण हो गई है। जिससे अन्य जिलों की स्थिति क्या होगी। इसका तो आसानी से आकलन किया जा सकता है। 

गोंदिया सिंचाई विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि चोरखमारा मध्यम प्रकल्प में 22 मई को  0.810  दलघमी ही जल शेष बचा हुआ है। इस प्रकार मानागढ़ मध्यम प्रकल्प में 0. 352 दलघमी, रेंगेपार में 0. 255 , संग्रामपुर में 0 .478  कटंगी में 0.236 , कलपाथरी में 0.28 7  दलघमी पानी शेष बचा हुआ है। इस प्रकार मध्यम लघु प्रकल्प आकाटोला में 0.112,  भदभद्या 0.00 , डोंगरगांव में 0.102 , गुमडोह में 0.006 , हरी में 0.187 , कालीमाटी में 0.00 , मोगर्रा में 0.513 , पिपरीया में 0.151, पांगड़ी में 0.275, रेहांडी में 0.048 , राजोली में 0.000, रिसाला में 0.024 , सोनेगांव में 0.00 , सालेगांव प्रकल्प में 0.202 , शेड़ेपार में 0.00 , शेरपार में 0.006 , वड़ेगांव में 0.00 , जुनेवानी में 0.00, उमरझरी में 0.00, बेवारटोला में 0.00  दलघमी पानी है। इसी प्रकार जिले के 42  मामा तालाबों की गंभीर स्थिति निर्माण हो चुकी है। इससे स्पष्ट रूप से अनुमान लगाया जा सकता है कि पीने के पानी की समस्या कितनी विकराल होती जा रही है। वन्यजीवों को भी पानी के लिए गांवों की ओर रुख करना पड़ रहा है। छोटे तालाब तो क्रिकेट के मैदान बन चुके हैं। यह हालत इसलिए हो रही है कि उचित नियोजन नही होने के कारण तालाब दिनों दिन बुझते जा रहे हैं और जिनकी जल संग्रहण की क्षमता कम हो रही है। इस ओर प्रशासन से गंभीरतापूर्वक ध्यान देने की मांग की जा रही है।

Created On :   24 May 2019 1:09 PM IST

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