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खराब खाद-बीज मामले में दर्ज हुई 34 एफआईआर, कृषि महाविद्यालयों में 4 हजार पद रिक्त
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठवाड़ा में किसानों को खराब गुणवत्ता वाले बीज व खाद देने के मामले में 34 एफआरआर दर्ज किए गए हैं। ये एफआईआर 29 कंपनियों के खिलाफ दर्ज की गई है। विधान परिषद में प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने यह जानकारी दी। भुसे ने कहा कि औरंगाबाद विभाग में 1448 नमूनों की जांच की गई थी। प्रथम जांच में 68 नमून अप्रमाणित पाए गए। दूसरी जांच में 25 नमूने अप्रमाणित पाए गए हैं। भुसे ने कहा कि कृषि विभाग की ओर एक सूचना व प्रौद्योगिकी (आईटी) मशीनरी विकसित की जा रही है। इससे शिकायत के बाद फर्जी खाद और बीज की एक निश्चित समय में जांच की जा सकेगी। प्रश्नकाल में शिवसेना सदस्य अंबादास दानवे ने खराब दर्ज के खाद व बीज आपूर्ति को लेकर सवाल पूछा था। दानवे ने कहा कि मराठवाड़ा विभाग के विभागीय आयुक्त सुनील केंद्रकर ने हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र दाखिल किया है। इसमें उन्होंने कहा कि खराब दर्ज के खाद व बीज के कारण किसान आत्महत्या का प्रमाण 36.06 प्रतिशत तक पहुंचा है। इस पर भुसे ने कहा कि किसान आत्महत्या के कई कारण हैं। इसमें खराब खाद व बीज भी एक कारण है।
कृषि महाविद्यालयों में 4 हजार पद रिक्त
प्रदेश के कृषि महाविद्यालयों में लगभग 4 हजार पद रिक्त पद हैं। विधान परिषद में प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री विश्वजीत कदम ने यह जानकारी दी। कदम ने कहा कि रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रश्नकाल में सदन में राकांपा सदस्य विक्रम काले ने परभणी स्थित वसंतराव नाईक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के रिक्त पदों को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में कदम ने कहा कि मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत 12 महाविद्यालय हैं। इन महाविद्यालयों के लिए 2884 पद मंजूर हैं। इसमें से 1627 पद भरे जा चुके हैं। जबकि 1257 पद रिक्त हैं। कदम ने कहा कि मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू है। कृषि विश्वविद्यालय में लगभग 70 पद जल्द भर लिए जाएंगे।
औरंगाबाद अवैध उत्खनन मामले में 31 मई तक आएगी रिपोर्ट
औरंगाबाद के तहसील के तिसगांव में गोचर जमीन में अवैध उत्खनन के मामले में कार्यवाही की सिफारिश के लिए गठित अतिरिक्त जिलाधिकारी की समिति की रिपोर्ट 31 मई तक जाएगी। इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने यह आश्वासन दिया। थोरात ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए औरंगाबाद के विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई थी। इस समित की रिपोर्ट आने के बाद संबंधित लोगों के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश के लिए अतिरिक्त जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। प्रश्नकाल में पीआरपी के सदस्य जोगेंद्र कवाडे ने तिसगांव में पहाड़ तोड़कर गोचर जमीन पर अवैध उत्खनन को लेकर सवाल पूछा था। इस दौरान थोरात ने कहा कि कवाडे ने लिखित प्रश्न में कहा है कि तिसगांव खुलताबाद तहसील में है। जबकि कवाडे सदन में मौखिक सवाल में कह रहे हैं कि तिसगांव दौलताबाद तहसील में है। लेकिन राजस्व विभाग ने पता किया तो मालूम हुआ कि तिसगांव औरंगाबाद तहसील में है। इसके बावजूद मैंने सदन में जवाब दिया है।
Created On :   12 March 2020 6:50 PM IST
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