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पानी 2000 फीट नीचे - किसानों की मुसीबत बड़ी, 8 करोड़ का प्रस्ताव 2 साल से अधर में लटका
- दो तहसील में अटल भूजल योजना निधि अभाव में अटकी
- 8 करोड़ का प्रस्ताव भेजा
- किसानों की मुसीबत बड़ी
डिजिटल डेस्क, नागपुर, नीरज दुबे | देश भर में बेहद कम जलस्तर वाले क्षेत्रों में जलसंवर्धन सुविधा को तैयार करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत 7 राज्यों के लिए 6 हजार करोड़ की अटल भूजल योजना 25 दिसंबर 2019 को आरंभ की गई। योजना में राज्य के 13 जिलों में उपराजधानी के नरखेड और काटोल तहसील को भी शामिल किया गया है। दोनों तहसील में करीब 7 जलसंधारण उपाय योजनाओं को साल 2021 में तैयार किया गया है, लेकिन केन्द्र से निधि आवंटन नहीं होने से काम अब भी अटके हुए हैं। जिप के जलसंधारण विभाग का दावा है कि दोनों तहसील के लिए निधि आवंटित होते ही काम आरंभ कर देंगे।
दो तहसील में अटल भूजल योजना निधि अभाव में अटकी
जलस्रोतों दोहन अधिक : उपराजधानी में संतरा उत्पादक क्षेत्र के रूप में नरखेड़ और काटोल तहसील का शुमार होता है। संतरा फसल को अत्याधिक सिंचाई सुविधा देने के लिए किसानों ने विंधनविहिर समेत अनेक संसाधनों का इस्तेमाल किया है। अनुमान से अधिक जलस्रोत का इस्तेमाल होने से दोनों तहसील में भूगर्भ जलस्तर करीब 2000 फीट तक नीचे पहुंच गया है। केन्द्र सरकार के सर्वेक्षण में दोनों तहसील को चिह्नित कर अटल भूजल योजना में शामिल किया गया। इसके बाद साल 2021 में सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों की सुविधा देने के साथ ही बड़े नालों का गहराईकरण और बरसाती जलसंवर्धन के लिए 7 से अधिक उपाय योजना को प्रस्तावित किया गया है। करीब 8 करोड़ की योजना के लिए भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग से निधि की मांग की गई है।
ऐसी है अटल भूजल योजना केन्द्र सरकार ने अटल भूजल योजना को आरंभ करने की घोषणा साल 2016-17 के बजट सत्र में की थी। इस योजना को शत-प्रतिशत सहायता के साथ देश भर में 25 दिसंबर 2019 को लागू किया गया है। 5 वर्षों की अवधि में 6,000 करोड़ रुपए से देश भर के बेहद जल घट वाले क्षेत्रों में जल व्यवस्थापन और संवर्धन व्यवस्था को लागू करना है। देश के सात राज्यों में चिह्नित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से भूजल प्रबंधन में सुधार करने की घोषणा की गई है। योजना के लिए केन्द्र सरकार से 50 फीसदी निधि का आवंटन होना है, जबकि 50 फीसदी निधि को वर्ल्ड बैंक के माध्यम से केन्द्र सरकार मुहैया कराएगी। हालांकि योजना के क्रियान्वयन के लिए अब तक निधि का आवंटन नहीं हो पाया है।
राज्य के 13 जिलों में 38 तहसील शामिल
केन्द्र सरकार की अटल भूजल योजना में राज्य के बेहद कम जलस्तर वाले इलाकों को चिन्हित किया गया है। इसके तहत 13 जिलों पुणे, सातारा, सांगली, सोलापुर, नाशिक, अहमदनगर, जलगांव, जालना, लातूर, उस्मानाबाद, अमरावती, बुलढाणा और नागपुर का समावेश है। इन 13 जिलों की 38 तहसील में 1443 गांवों के साथ 1339 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इन इलाकों में अतिशोषित क्षेत्र के रूप में 74, शोषित क्षेत्र के रूप में 4 और आंशिक शोषित क्षेत्र के रूप में 111 इलाके शामिल हैं। 1000 फीट से अधिक भूगर्भ जलस्तर वाले क्षेत्र को आंशिक शोषित, 1500 फीट से अधिक भूगर्भ जलस्तर वाले क्षेत्र को शोषित और 2000 फीट से अधिक भूगर्भ जलस्तर वाले क्षेत्र को अतिशोषित क्षेत्र माना गया है। अटल भूजल योजना में इन इलाकों में सूक्ष्म सिंचन क्षमता को तैयार करने के साथ ही बरसाती जलसंवर्धन सुविधा को तैयार करना है।
8 करोड़ का प्रस्ताव भेजा
बी.वी. सयाम, जलसंधारण अधिकारी, जिप के मुताबिक अटल भूजल योजना के तहत नरखेड़ और काटोल में जलसंधारण कामों को लेकर सर्वेक्षण प्रस्ताव बनाया गया है। साल 2021 में दोनों तहसील में 7 कामों के लिए 8 करोड़ के प्रस्ताव बनाकर भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग को भेजा गया है, लेकिन निधि का आवंटन नहीं होने से कामों को आरंभ नहीं किया जा सका है। निधि के मिलते ही कामों को तत्काल आरंभ कर दिया जाएगा।
Created On :   28 May 2023 6:45 PM IST