Nagpur News: उम्मीद - वैनगंगा-पैनगंगा प्रकल्प की बाधाएं होगी दूर, विदर्भ को मिलेगी राहत

उम्मीद - वैनगंगा-पैनगंगा प्रकल्प की बाधाएं होगी दूर, विदर्भ को मिलेगी राहत

Nagpur News. वर्षों से विकास की आस बांध बैठे विदर्भ में कृषि और किसान की स्थिति ठीक नहीं है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कृषि संकट के कई कारण है, लेकिन इनमें सबसे अधिक महत्व का कारण है सिंचाई की अपर्याप्त व्यवस्था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कई बार विधानसभा के भीतर व बाहर कह चुके हैं कि विदर्भ में कृषि संकट दूर करने के लिए सिंचाई क्षमता बढ़ना होगा। फडणवीस के पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के समाप्त होते समय दावा किया गया था कि उनके नेतृत्व की सरकार ने विदर्भ में 40 प्रतिशत कृषि सिंचाई बढ़ायी गई है। अब नदी जोड़ प्रकल्पों पर बल दिया जा रहा है। शीतसत्र की समाप्ति पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा के भीतर व बाहर दोहराया कि सिंचाई से ही खेतों की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने वैनगंगा-पैनगंगा नदी जोड़ प्रकल्प का िवशेष तौर से उल्लेख किया। यह सही भी है कि वैनगंगा-पैनगंगा नदी जोड़ प्रकल्प पूरा होगा तो विदर्भ के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। युवाओं को रोजगार मिलेगी। लेकिन यह भी अनेदखा नहीं किया जा सकता है कि इस प्रकल्प को लेकर कई बाधाएं व चुनौतियां सरकार के सामने है। उम्मीद है कि इस वर्ष ये बाधाएं दूर हो जाएगी।

प्रकल्प की स्थिति

विदर्भ ही नहीं राज्य में सिंचाई प्रकल्पों की स्थिति ठीक नहीं रही है। घोटालों के आरोप लगते रहे हैं। विलंब और घोटाले के कारण सिंचाई प्रकल्पों की दुर्दशा का उदाहरण गोसीखुर्द प्रकल्प भी बना था। लेकिन केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से उस प्रकल्प को गति दी गई। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की सरकार के देवेंद्र फडणवीस के पास गृह, ऊर्जा के अलावा जलसंपदा विभाग भी था। उन्होंने सिंचाई प्रकल्पों को पूरा करने के प्रयास किए। वैनगंगा-पैनगंगा प्रकल्प को राज्यपाल ने जुलाई 2024 में तत्वत: स्वीकृति दी। उसके बाद राज्य सरकार ने प्रशासकीय स्वीकृति दी। अभी इस प्रकल्प की लागत 87.342 करोड रुपये से अधिक है।

प्रकल्प की विशेषता

गोसीखुर्द की वैनगंगा से बुलढाणा जिले की नलगंगा तक 426.52 किमी लंबाई का मुख्य कैनाल निर्माण किया जाएगा। विदर्भ के नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला व बुलढाणा जिले की 15 तहसील से यह प्रकल्प गुजरेगा। इससे 3 लाख, 71 हजार, 277 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण करना होगा। प्रकल्प तैयार होने पर किसान खरीफ व रबी की फसल पा सकेंगे। उद्योगों की पानी समस्या दूर होगी। प्रकल्प की पानी क्षमता 1,772 दस लाख घनमीटर रहेगी। बताया गया है कि इस प्रकल्प में 41 बांध रहेंगे। 31 नए बांध निर्माण किए जाएंगे। प्रशासन ने 10 वर्ष में प्रकल्प तैयार करने का नियोजन किया है। प्रकल्प के पहले चरण में 1,232 करोड रुपये की आवश्यकता रहेगी। राज्य की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद पर्यावरण, वनविभाग व केंद्रीय जलआयोग सहित अन्य संस्थाओं की स्वीकृति ली जाएगी।

लागत बढ़ी

बड़े प्रकल्पों को विलंब होने पर लागत बढ़ती है। इस प्रकल्प के लिए भी समयांतर में लागत की बाधा आ सकती है। फडणवीस के पहले कार्यकाल में इस प्रकल्प की संकल्पना रखी गई थी। तब अनुमानित लागत 55 हजार करोड थी। अब प्रकल्प की लागत 87 हजार करोड से अधिक हो गई है। अभी प्रकल्प के लिए सर्वे चल रहा है।

खास बातें

- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है वैनगंगा-पैनगंगा नदी जोड़ प्रकल्प

-नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला व बुलढाणा जिले की 15 तहसीलों से यह प्रकल्प गुजरेगा। इससे गडचिरोली, चंद्रपुर के अलावा अन्य कुछ जिलों को आंशिक लाभ मिलेगा।

-मुख्य कैनाल की लंबाई 426 किमी रहेगी।

-41 बांध रहेंगे, इनमें 31 बांध नए निर्माण किए जाएंगे।

-27 हजार हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी।

-10 लाख एकड़ भूमि सिंचित होगी।

Created On :   1 Jan 2025 7:32 PM IST

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