दिल्ली-नागपुर व हैदराबाद-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर निर्माण अटका

दिल्ली-नागपुर व हैदराबाद-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर निर्माण अटका
11 नेशनल कॉरिडोर प्रस्तावित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश में 11 नेशनल कॉरिडोर प्रस्तावित हैं जिसमें से दो कॉरिडोर नागपुर से जुड़ेंगे। इनमें से एक दिल्ली-नागपुर कॉरिडोर मध्य भारत के लिए अहम माना जा रहा है। 1100 किमी लंबा यह कॉरिडोर दिल्ली से मथुरा, ग्वालियर, झांसी, ललितपुर, बीना, गंजबासौदा, विदिशा, भोपाल, नर्मदापुरम, इटारसी, बैतूल, मुलताई, पांढुरना से होकर काटोल व नागपुर तक तैयार होगा। दूसरा हैदराबाद-नागपुर कॉरिडोर है जिसे मंजूरी दे दी गई है, लेकिन यह आैद्योगिक कॉरिडोर नागपुर से कोसों दूर है। इस मामले में एनएचएआई के अधिकारी भी जानकारी देने से कतरा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल दोनों काॅरिडोर की जानकारी उपलब्ध नहीं है जिसके कारण दोनों काॅरिडोर के निर्माण कार्य को लेकर संदेह जताया जा रहा है।

हैदराबाद- नागपुर कॉरिडोर मंजूर

भारत सरकार द्वारा हैदराबाद- नागपुर कॉरिडोर को भी मंजूरी दी गई है। यह कॉरिडोर राष्ट्रीय नेटवर्क में लगभग 475 किमी की कुल लंबाई को कवर करता है। हैदराबाद नागपुर औद्योगिक कॉरिडाेर हैदराबाद और नागपुर के बीच राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 44 तक फैला हुआ है। यह तेलंगाना के भीतर 290 किमी लंबा है और आदिलाबाद जिले में हैदराबाद और तेलंगाना की उत्तरी सीमा के बीच तैयार किया जाना है।

2025 तक तैयार होने हैं

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत दोनों औद्योगिक कॉरिडोर को मध्य व दक्षिण क्षेत्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सभी कॉरिडोर का काम 2025 तक पूरा होना है। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा 2000 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया गया है। केंद्र सरकार अलग-अलग इंडस्ट्रियल क्षेत्रों को जोड़ने के लिए सड़क, रेल और जलमार्ग के जरिए यह कॉरिडाेर तैयार कर रही है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास और रोजगार क्षमता में उन्नति का मार्ग सहज हो सकेगा। योजना का मुख्य उद्देश्य विनिर्माण, कृषि-प्रसंस्करण, सेवाओं और निर्यात-उन्मुख इकाइयों में निवेश को प्रोत्साहित करना और उच्च मानक बुनियादी ढांचा तैयार कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पर्सपेक्टिव प्लान का काम शुरू किए जाने की खबर है। इस काॅरिडोर का निर्माण कार्य कहां तक हुआ इसकी जानकारी अधिकारियों के पास उपलब्ध नहीं है।

मध्य प्रदेश को अधिक लाभ

दिल्ली- नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का 70 फीसदी हिस्सा मप्र में है, जिससे मध्यप्रदेश में कई औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने की संभावना व्यक्त की गई है। नागपुर से दिल्ली तक प्रस्तावित इस कॉरिडोर का लाभ संतरानगरी सहित समूचे महाराष्ट्र को मिलने की संभावना है। इससे नागपुर में औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार होगा तथा यहां से मध्य व उत्तरी क्षेत्र में आयात-निर्यात में वृद्धि होगी। दिल्ली- नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रुट में कुछ बदलाव हुए जिसके बाद यह काॅरिडाेर सागर से नरसिंहपुर-सिवनी की बजाय सागर से बीना, विदिशा, भोपाल, रायसेन, सिहोर, नर्मदापुरम से बैतूल व बैतूल से व्हाया काटोल, नागपुर तक बनाया जाएगा। कॉरिडोर के नए रूट के 150 किमी के दायरे में मप्र के 13 नगरीय, 32 औद्योगिक क्षेत्र आएंगे।

Created On :   15 Jun 2023 12:56 PM IST

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