- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- विशेष बच्चों के स्कूलों की सब्सिडी...
नाराजगी: विशेष बच्चों के स्कूलों की सब्सिडी रोकने का मामला , पहले नीति लागू करें, तभी माफी मिलेगी
- कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई अमल नहीं किया
- प्रभारी सचिव गिड़गिड़ाते रहे
- कोर्ट ने जताई नाराजगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। छात्रावास और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए विशेष बच्चों के स्कूलों को सब्सिडी देने के आदेश को राज्य सरकार ने लगभग दस वर्षों तक रोके रखा। इस पर कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई अमल नहीं किया गया। इसलिए दिव्यांग कल्याण विभाग के प्रभारी सचिव ने खुद बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में हाजिर होकर हो रहे विलंब पर कोर्ट से माफी मांगी, लेकिन कोर्ट ने प्रभारी सचिव से कहा कि पहले नीति लागू करें, तभी माफी मिलेगी।
राज्य में कई शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विशेष बच्चों के लिए स्कूल चलाए जाते हैं। विकलांगता अधिनियम के अनुसार इन स्कूलों को छात्रावास और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए सब्सिडी प्रदान करना आवश्यक है। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई नीति लागू नहीं की है। इस बीच कुछ शैक्षणिक संस्थानों ने औरंगाबाद खंडपीठ में याचिका दायर की थी। 2 सितंबर 2013 को उस कोर्ट ने इस संबंध में तीन महीने के भीतर नीति लागू करने का आदेश दिया था। हालांकि, सरकार ने इस आदेश को अब तक रोक रखा है। इस मामले के बाद, अमरावती में खटेश्वर पिछड़ा वर्ग बहुउद्देश्यीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान ने 2019 में नागपुर खंडपीठ में एक याचिका दायर की और इसी तरह की नीति की मांग की। इसलिए इस कोर्ट ने 6 सितंबर 2021 को राज्य सरकार से इस नीति को 6 महीने के भीतर लागू करने को कहा। उस आदेश को भी सरकार ने लागू नहीं किया। इसके बाद खटेश्वर संस्थान ने अवमानना याचिका दायर की है।
कोर्ट ने आदेश में किया स्पष्ट : मामले पर न्या. अनिल किलोर और न्या. एम. एस. जवलकर के सुनवाई हुई में कोर्ट के आदेश के अनुसार दिव्यांग कल्याण विभाग के प्रभारी सचिव सुमित भांगे कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने आदेश लागू करने में हुई देरी के लिए कोर्ट से माफी मांगी। हालांकि, कोर्ट ने इन्हें माफ करने से इनकार कर दिया और आदेश दिया कि जून के दूसरे हफ्ते तक सब्सिडी नीति लागू की जाए। तभी कोर्ट आपका माफ करेगा, कोर्ट ने इसे अपने आदेश में स्पष्ट किया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. प्रवीण पाटील ने पैरवी की।
Created On :   28 March 2024 10:14 AM IST