मुहूर्त की बाट: शो पीस बन कर रह गई करोड़ों रुपए की लागत से बनी इमारत, लोकोर्पण का बेसब्री से इंतजार

शो पीस बन कर रह गई करोड़ों रुपए की लागत से बनी इमारत, लोकोर्पण का बेसब्री से इंतजार
  • छह साल से चल रहा था निर्माणकार्य
  • 2018 में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने किया था भूमिपूजन
  • सर्वसुविधायुक्त होने से एक ही बिल्डिंग में होंगे सारे काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अन्न व आैषधि प्रशासन विभाग की पांच मंजिला इमारत सिविल लाइन्स में बनकर तैयार है, जिसे लोकार्पण का बेसब्री से इंतजार है। करोड़ों की लागत से बनी इस इमारत के निर्माणकार्य की गति बेहद धीमी रही। चार बार इसकी समयसीमा बढ़ाई गई। अब जब यह इमारत बनकर तैयार है, तो इसे लोकार्पण का मुहूर्त नहीं मिल पा रहा है।

2018 में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने एफडीए की इस नियोजित इमारत का भूमिपूजन किया था। जीएसटी व बीमा कवर पकड़कर इसकी लागत 17 करोड़ तक पहुंची है। कोरोनाकाल में लंबे समय तक निर्माणकार्य बंद रहा। समय पर निधी नहीं मिलने से भी काम बंद रहा था। पांच मंजिला इस इमारत में तल मंजिल पर पार्किंग, पहले व दूसरे माले पर अन्न व आैषधि प्रशासन (एफडीए) के आफिस आैर तीसरे, चौथे व पांचवें माले पर लैब रहेगी। सिविल वर्क इलेक्ट्रिक वर्क पूरा हो चुका है।

विशेष प्रकार की लैब : तीसरे, चौथे व पांचवे माले पर जो लैब प्रस्तावित है, वह विशेष प्रकार की लैब होगी। एफडीए जो सैंपल लेती है, उसकी टेस्ट फिलहाल शासकीय लैब व आेंकार नगर स्थित लैब में होती है। इस इमारत में बननेवाली लैब में नागपुर समेत पूरे विदर्भ से सैंपल टेस्टिंग के लिए आएंगे। यहां लैब शुरू होने पर एफडीए को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मिलने लगेगी। फिलहाल टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट आने में एक महीने तक का समय लग जाता है।

एक माला हुआ कम : इस नियोजित इमारत को पहले छह मंजिला बनाने का प्रस्ताव था। प्रशासकीय मंजूरी पांच मंजिल की मिली। इसलिए इस इमारत का एक माला कम हो गया। छठवें माले पर अधिकारियों के लिए गेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव था। शीत सत्र के दौरान मुंबई से आनेवाले एफडीए के बड़े अधिकारियों को इधर-उधर रहना पड़ता है। गेस्ट हाउस मंे इनके रहने की व्यवस्था करने की योजना थी। इस योजना पर पानी फिर गया। इमारत में गेस्ट हाउस नहीं है।

कार्यालय शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं : लोक कर्म विभाग के सूत्रों ने बताया कि सिविल व इलेक्टिक वर्क लगभग पूरा हो चुका है। एफडीए चाहे तो इस इमारत से अपना प्रशासकीय कामकाज कर सकता है। इमारत में कैबिन, आफिस बनकर तैयार है। एफडीए के कार्यालय यहां शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं है। कार्यालय शुरू करने का निर्णय एफडीए को करना है। पीडब्ल्यूडी के सूत्रों ने बताया कि एक महीने में इमारत का लोकार्पण हो सकता है। सिविल, इलेक्ट्रिक, फर्निचर, जीएसटी व बीमा कवर मिलाकर इस पर लगभग 17 करोड़ खर्च हुआ है।

Created On :   7 Aug 2024 10:22 AM GMT

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