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विकास: ‘5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' का लक्ष्य पाने प्रवेश द्वार बनेगा महाराष्ट्र
डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने विश्वास व्यक्त किया कि इस लक्ष्य को साकार करने में महाराष्ट्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और महाराष्ट्र इस आर्थिक शक्ति का प्रवेश द्वार बनेगा।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) मिहान द्वारा जीरो माइल संवाद कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के सभागार में किया गया। दो दिनों में भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर केन्द्रित विभिन्न सेमिनार और व्याख्यान आयोजित किये गए। इसी संवाद कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री बोल रहे थे। भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर के निदेशक मंडल के अध्यक्ष सी. पी. गुरनानी, निदेशक भीमराया मैत्री, सिद्धार्थ ज़राबी सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति, प्रबंधन संस्थान के विद्यार्थी उपस्थित थे।
इसलिए महाराष्ट्र काफी अहम : महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के बारे में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सकल राष्ट्रीय आय में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी लगभग पंद्रह प्रतिशत है। मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है और यह शहर देश की वित्तीय, मनोरंजन और वाणिज्यिक राजधानी है। देश के कुल निर्यात में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 25 फीसदी तक है। राज्य में 29 प्रतिशत तक एफडीआई निवेश है। राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 57 प्रतिशत भाग 27 वर्ष से कम आयु का है। राज्य में देश में सबसे अधिक विश्वविद्यालय है। सर्वाधिक बिजली उत्पादन एवं खपत हमारे राज्य में होती है। देश की समग्र अर्थव्यवस्था में महाराष्ट्र की इन शक्तियों को देखते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को पूरा करने में महाराष्ट्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
हालांकि असंतुलन बड़ी चुनौती : एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने में असंतुलन एक बड़ी चुनौती है। राज्य के 36 जिलों में से सात जिले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 55 प्रतिशत का योगदान देते हैं और शेष 80 प्रतिशत जिलों का योगदान 20 प्रतिशत से कम है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर योजनाबद्ध तरीके से इस जिले के विकास पर ध्यान दिया जाए तो निश्चित रूप से आर्थिक विकास के साथ अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। कार्यक्रम की शुरुआत में आईआईएम के निदेशक मंडल के अध्यक्ष सी. पी. गुरनानी एवं निदेशक भीमराया मैत्री ने जीरो माइल संवाद कार्यक्रम के आयोजन के पीछे की अपनी भूमिका एवं विचार रखे।
Created On :   17 Dec 2023 5:20 AM GMT