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New Delhi News: मराठी को बढ़ावा देने के लिए प्रयासों के बावजूद लग रहा सरकार की कोशिशों को पलीता

- मुंबई में मराठी माध्यम के स्कूलों में साल दर साल कमी
- विद्यार्थियों की संख्या में भी आई गिरावट
- नाक के नीचे ही लग रहा सरकार की कोशिशों को पलीता
- मराठी को बढ़ावा देने के लिए हो रहा हर संभव प्रयास
New Delhi News. मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिलने के बाद से ही महाराष्ट्र सरकार लगातार इसको बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार की इन कोशिशों को उसकी नाक के नीचे ही पलीता लग रहा है। राज्य की राजधानी मुंबई में ही मराठी माध्यम से पढ़ाने वाले स्कूल बंद हो रहे हैं। इन स्कूलों की संख्या में साल दर साल कमी दर्ज की गई है। पिछले पांच वर्षों में मुंबई में मराठी माध्यम से पढ़ाने वाले स्कूलों की संख्या 380 से घटकर 340 हो गई है। स्कूलों की संख्या में कमी आने की वजह से विद्यार्थियों की संख्या में भी कमी आई है। वर्ष 2019-20 में मराठी माध्यम से पढाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 1,25,458 थी, जो वर्ष 2023-24 में घटकर 98,261 हो गई है।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने राज्यसभा में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी के पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में मुंबई में मराठी माध्यम के स्कूलों की संख्या 380 थी। इस अवधि में कुल छात्रों की संख्या 1,25,458 थी, जबकि वर्ष 2020-21 में मराठी माध्यम के स्कूलों की संख्या में कमी दर्ज की गई। इस अवधि में मराठी स्कूलों की संख्या 370 और पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या घटकर 1,14,413 हो गई।
चौधरी ने वर्षवार आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 में मुंबई में 365 मराठी स्कूल रह गए और छात्रों की संख्या भी घटकर 1,03,922 पर आ गई। स्कूल और छात्रों की संख्या में कमी आगे भी जारी रही। वर्ष 2022-23 में स्कूल घटकर 344 रह गए और विद्यार्थियों की संख्या 1,00,209 पर आ गई। वर्ष 2023-24 में भी स्कूलों और विद्यार्थियों की संख्या में कमी दर्ज की गई। इस अवधि में मराठी स्कूल की संख्या 340 और विद्यार्थियों की संख्या घटकर 98,261 पर आ गई।
Created On :   20 March 2025 8:10 PM IST