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Nagpur News: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर अनिश्चितता, गुजरात सहित कई राज्यों में नहीं है पद
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- शीतसत्र में स्थिति हो सकती है साफ
- विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर अनिश्चितता
Nagpur News. महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। किसी भी दल के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के कारण गुजरात विधानसभा 2 साल से नेता प्रतिपक्ष के बिना चल रही है। महाराष्ट्र में भी लगभग वैसी ही स्थिति है। नेता प्रतिपक्ष नियुक्ति का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है, हालांकि अभी विधानसभा अध्यक्ष भी नहीं चुना गया है। नागपुर में होने वाले शीतकालीन अधिवेशन के लिए प्रोटेम विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। फिर भी माना जा रहा है कि शीतसत्र में ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर स्थिति साफ हो सकती है।
क्या है स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्य हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष के लिए संबंधित दल के पास कुल सदस्यों की संख्या में से 10 प्रतिशत सदस्य संख्या आवश्यक है। विधानसभा में एक एंग्लो इंडियन प्रतिनिधि नामांकित सदस्य रहता है। लिहाजा 289 सदस्यों की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए संबंधित दल के पास 29 सदस्य आवश्यक हैं। फिलहाल विपक्ष के पास यह संख्या नहीं है। शिवसेना उद्धव के 20, कांग्रेस 16 व राकांपा शरद पवार के 10 सदस्य हैं। अकेले बल पर विपक्ष को कोई भी दल नेता प्रतिपक्ष का दावा नहीं कर सकता है। विपक्ष का नेतृत्व कर रही महाविकास आघाड़ी ने मिलकर चुनाव लड़ा। जानकारों के अनुसार विधानसभा में भी आघाड़ी बनाकर नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा कर सकती है। ऐसे में सभा में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव व राकांपा शरद पवार का अलग गट नहीं रहेगा। इसमें भी आघाड़ी के नेता प्रतिपक्ष संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृत करना विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार है।
संख्या कम रहने पर भी नियुक्ति
जानकारों के अनुसार संख्या कम रहने पर भी नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति होती रही है। 10 प्रतिशत संख्या नहीं होने की स्थिति में विपक्ष के विधायकों के निवेदन पर अध्यक्ष यह नियुक्ति करते रहे हैं। तीन दशक पहले राज्य में कांग्रेस का दबदबा रहा है। कई बार विपक्ष की स्थिति वह बनती रही है जो अब दिख रही है। भारतीय किसान और श्रमिक पार्टी ने सर्वाधिक बार नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाली है। नेता प्रतिपक्ष रहे यहां के विधायक बाद में राज्यपाल, मुख्यमंत्री व राष्ट्रपति भी बने हैं। रोचक बात है कि 2014 में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की सरकार के समय 23 दिन तक नेता प्रतिपक्ष रहे एकनाथ शिंदे बाद में मंत्री बन गए। नेता प्रतिपक्ष पद पर सबसे कम समय तक रहने का रिकार्ड शिंदे के नाम है।
यह भी जानें
लोकसभा का पिछला कार्यकाल नेता प्रतिपक्ष के बिना ही चला। फिलहाल गुजरात के अलावा आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड व सिक्किम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं हैं। महाराष्ट्र के समान बड़े राज्य गुजरात में 2022 में विधानसभा चुनाव का परिणाम एकतरफा आया था। गुजरात विधानसभा में 182 सदस्य हैं। भाजपा के 156, कांग्रेस 17 व आम आदमी पार्टी के 5 सदस्य हैं। अधिकतर राज्यों में विधानमंडल का एक ही सदन है। महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक व तेलंगाना में विधानसभा के अलावा विधान परिषद है। महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव और नियुक्तियों के बाद नेता प्रतिपक्ष को लेकर विधानसभा समान स्थिति बन सकती है।
Created On :   8 Dec 2024 5:08 PM IST