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Nagpur News: फेफड़े तक पहुंचा धुआं एल्युमिनियम पावडर से झुलसे चेहरे, 7 कर्मचारियों का उपचार जारी

- मेडिकल में 7 कर्मचारियों का उपचार जारी, 2 गंभीर
- परिजन बेहाल, बर्न वार्ड के सामने रात भर इंतजार
- मेडिकल अस्पताल के वार्ड क्रमांक 4 बर्न वार्ड के सामने का नजारा हृदय विदारक था
Nagpur News. चंद्रकांत चावरे | उमरेड की एमएमपी इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी में हुए विस्फोट में झुलसे 9 मरीजों को रात 9.30 बजे मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया। इनमें से 2 की मृत्यु हो चुकी है। मृतकों में सचिन पुरुषोत्तम मसराम (26) व पीयूष वासुदेव दुर्गे (20) पांजरेपार निवासी है। अन्य 7 कर्मचारियों का उपचार जारी है। इनमें से दो कर्मचारियों की हालत नाजुक है।
ये भर्ती किए गए हैं
मेडिकल में पीयूष बाबाराव टेकाम (21) पांजरेपार, मनीष अमरनाथ वाघ (20) पेंढराबोडी, करण भास्कर बावणे (21) पेंढराबोडी, करण तुकाराम शेंडे (20) गोंडबोरी, कमलेश तुकाराम ठाकरे (30) गोंडबोरी, नवनीत विठोबा कुंभारे (27) पांजरेपार व हरिदास नेताम (45) चिमुर रोड निवासी भर्ती हैं।
शनिवार को मेडिकल अस्पताल के वार्ड क्रमांक 4 बर्न वार्ड के सामने का नजारा हृदय विदारक था।
उमरेड हादसे के पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि कंपनी की तरफ से मेडिकल में कोई पूछ-परख करने नहीं पहुंचा।
इकलौते बेटे को देखने तरसे पिता : 20 साल का करण बावणे 60 फीसदी झुलस चुका है। उसके पिता भास्कर ने बताया कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने से करण ढाई साल से कंपनी में काम करने जा रहा था। वह इकलौता है। शाम 7.30 बजे घटना की जानकारी मिली। बताया गया कि सबको नागपुर मेडिकल ले जाया गया है। मेडिकल पहुंचने पर बेटे की एक झलक तक देखने को नहीं मिली है। रातभर जागते रहे हैं।
बड़े बेटे की मौत, छोटा भर्ती
स्नातक की पढ़ाई कर रहे गोंडबोरी गांव के निवासी दो भाई कंपनी में 2 साल से काम करते थे। बड़ा भाई निखिल शेंडे (24) और छोटा भाई करण शेंडे (20) है। पिता तुकाराम ने बताया कि करण का शुक्रवार को पेपर था। पेपर देकर आने के बाद वह दोपहर की शिफ्ट में काम पर गया था। वह 100 फीसदी झुलस गया है। दूसरे बेटे निखिल का पता ही नहीं चला था।
बेटे की हालत की नहीं मिली जानकारी : 30 साल के कमलेश के पिता सुरेश ठाकरे रात भर से मेडिकल के वार्ड क्र. 4 के बाहर इंतजार कर रहे हैं कि उसके बेटे की हालत का पता चल सके, लेकिन वार्ड के भीतर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा। कंपनी के लोगों ने यहां आकर देखा नहीं, ऐसा सुरेश ने बताया। वह 85 फीसदी जल चुका है।
नर्सेस पर असंवेदनशीलता का आरोप : मोहन गौर के मामा का लड़का मनीष अमर वाघ (20) पेंढराबोडी भिवापुर निवासी 45 फीसदी झुलसा है। परिवार में माता-पिता और छोटा भाई है। मोहन ने मरीजों के प्रति नर्सों के असंवेदनशील हाेने का अारोप लगाया। उसने बताया कि करण शेंडे नामक मरीज को उल्टियां आने पर नर्स ने मोहन को ही काम से लगा दिया। वॉशरुम से बाल्टी लाने व उल्टी बाल्टी में जमा करने को कहा।
माता-पिता रात भर कंपनी के सामने बैठे रहे : चिखलढोकला निवासी 20 साल का निखिल निहारे कहां है, पता नहीं है। निखिल के पिता गंगाधर को कंपनी में बताया गया कि उसे मेडिकल ले जाया गया है। बाद में पता चला कि उसे मेडिकल नहीं ले जाया गया है।
शाम तक कंपनी की तरफ से कोई नहीं पहुंचा : मेडिकल में मनीष वाघ, करण शेंडे, कमलेश ठाकरे, करण बावणे, सचिन मसराम, पीयूष दुर्गे, नवनीत कुंभारे, पीयूष टेकाम, हरिदास नैताम आदि को मेडिकल में भर्ती किया गया था। इनमें से सचिन मसराम व पीयूष दुर्गे की मृत्यु की पुष्टि की गई है। परिजनों ने बताया कि शाम तक कंपनी की तरफ से मेडिकल में कोई नहीं आया था। कर्मचारियों का बीमा, फायर सेफ्टी, अन्य सुरक्षा संसाधनों के बारे में परिजनों को जानकारी नहीं है।
Created On :   13 April 2025 9:06 PM IST