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सेहत की बात: चिलचिलाती गर्मी में बच्चों को ऐसे लू से बचाएं, जान लें एक्सपर्ट डॉ बोधनकर की राय

- खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत
- विदर्भ में गर्मी चरम पर पहुंच रही है
- बच्चों को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है
Nagpur News : विदर्भ में गर्मी चरम पर पहुंच रही है, ऐसे में बच्चों का ध्यान रखना जरूरी है। गर्म हवाएं यानी लू के थपेड़े शरीर के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। लू का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। जानेमाने डॉक्टर उदय बोधनकर ने बताया कि अत्यधिक गर्मी के कारण बच्चे बहुत जल्दी बीमार हो सकते हैं। तेज गर्मी से थकावट, ऐंठन और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों में अधिक चिड़चिड़ा पन भी देखा जा सकता है। डॉक्टर उदय बोधनकर ने स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए कुछ खास टिप्स दिए हैं।
स्कूल जाने वाले बच्चों को पानी की बोतल जरूर दें, उन्हें बताएं की समय - समय पर पानी पीते रहें, खुद को हाइड्रेट रखे।
बच्चों के बैग में टोपी या छाता जरूर रखें, जिससे तेज धूप से बचा जा सकता है।
अगर बच्चे स्कूल की किसी एक्टिविटी में हिस्सा ले रहे हैं, तो उनके बैग में ग्लूकोज (Glucose) का पैकेट रखें, ताकि एनर्जी के लिए पी सकें।
(सभी बच्चों के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी)
बाहर जाते वक्त बच्चों के कान और सिर को सूती कपड़े से ढंक दें, जिससे वे गर्म हवा के सीधे संपर्क में न आए सकें
ऐसी जगह चलने या बैठने से बचें, जहां सीधी धूप आ रही हो, धूप में न खेलें
हो सके तो दोपहर में कुछ घंटे आराम करें, शाम होने के बाद ही बाहर खेलने जाएं
घर में एयर कंडीशनिंग नहीं है, तो क्या करें ?
अगर घर में गर्मी ज्यादा है, तो बच्चों को ऐसी लाइब्रेरी भेजा जा सकता है, जहां वे पढ़ भी सकते हैं और एयर कंडीशन या कूलर में बैठ सकते हैं। यदि घर में अक्सर बिजली चली जाती है, तो सुरक्षित जगह की पहचान करें,. जहां तापमान बहुत ज़्यादा न हो।
दोपहर के वक्त घर की खिड़कियों के पर्दे और ब्लाइंड बंद रखें, जिससे गर्म हवा सीधे अंदर प्रवेश न कर सके, आमतौर पर मकानों और इमारतों की निचली मंजिलें ज़्यादा ठंडी होती हैं। वहां रुका जा सकता है
अत्यधिक गर्मी में पंखे को सीधे अपनी ओर न घुमाएं। कमरे का तापमान 90°F से ज़्यादा हो, तो पंखे की सीधी हवा से बचें। शुष्क हवा के कारण डीहाईड्रेशन का जोखिम बढ़ सकता है।
हाइड्रेटेड रहें
बच्चों को बार-बार पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें। बाहर जाते वक्त अपने साथ पानी की बोतल ले जाएं। नवजात बच्चों के लिए दूध की बोतल साथ रखें, समय समय पर दूध दें।
फॉर्मूला दूध लेने वाले शिशुओं को बोतल में अतिरिक्त फॉर्मूला दिया जा सकता है।
हल्के कपड़े पहनें
हल्के रंग के कपड़े बच्चों को ठंडा रहने और अत्यधिक गर्मी का प्रभाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
ढीले-ढाले कपड़े पहनने का प्रयास करें।
बच्चों के लिए भी सनस्क्रीन का उपयोग किया जा सकता है।
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डॉक्टर उदय बोधनकर ने बताया कि बच्चा गर्मी महसूस कर रहा हो, तो उसे नहलाएं, या शावर के अलावा गीले कपड़े से बदन पोच सकते हैं। इन दिनों बच्चों को स्वीमिंग करनी चाहिए, जो सबसे अच्छा व्यायाम होने के साथ ही बच्चों में स्फूर्ती भरता है। इससे बच्चों की एक्टिविटी बढ़ जाती है। स्वीमिंग करते वक्त बच्चों पर ध्यान रखना जरूरी है।
गर्मियों में बच्चों को कार में कभी भी अकेला न छोड़ें। कार के अंदर का हिस्सा कुछ ही समय में खतरनाक रूप से गर्म हो सकता है, भले ही खिड़कियां खुली क्यों न हों
बीमारी के इन लक्षणों पर नज़र रखें और तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें
बेहोश होना, अत्यधिक थकान (जैसे, असामान्य रूप से नींद आना, उनींदापन या जागने में कठिनाई)
सिरदर्द, बुखार, तेज़ प्यास, कई घंटों तक पेशाब न आना, जी मटलना, उल्टी - दस्त
सामान्य से ज़्यादा तेज़ या गहरी सांस लेना,
त्वचा में सुन्नपन या झुनझुनी, मांसपेशियों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन होना
(खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत)
बच्चों के खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत है। गर्मियों में तरबूज का रोजाना सेवन करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। तरबूज में हाई वॉटर कंटेंट होता है जो गर्मियों में लू को शरीर से दूर रखता है।
बच्चों को बेरीज पसंद होती है और उनकी सेहत के लिए अच्छी भी होती हैं। बेरीज को दही में मिलाकर बच्चों को खाने के लिए परोस सकते हैं। बेरीज में स्ट्रॉबेरीज, ब्लूबेरीज, ब्लैकबेरीज और रैस्पबेरीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे पूरे दिन पेट भरा रहता है और इसमें प्रोटीन की मात्रा भी अच्छी होती है
बच्चों की डाइट में नारियल पानी जरूर शामिल करें। नारियल पानी में इलेक्ट्रॉलाइट्स होते हैं, जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं। नारियल पानी पीने से पानी की पूर्ति होती है। इससे शरीर को एनर्जी मिलती है और बच्चा स्वस्थ महसूस करता है। आप गर्मियों में बच्चे को रोज सुबह एक गिलास नारियल पानी पिला सकते हैं।
बच्चों को छाछ पिलाना भी फायदेमंद है। स्कूल जाने वाले बच्चों को तो छाछ जरूर पिलाना चाहिए। जिसमें पुदीना की पत्तियां, जीरा पाउडर मिलाएं। छाछ पीने से शरीर को एनर्जी मिलेगी। पाचन-तंत्र अच्छा होता है।
अगर बच्चा फल नहीं खाता, तो घर पर बना फ्रूट जूस पिला सकते हैं। पैकेट बंद फलों का जूस पिलाने से बचना चाहिए। घर पर बिना चीनी के फलों का जूस निकालें, फलों में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं। शरीर हाइड्रेटेड रहता है, पानी की कमी दूर होती है।
सत्तू का शरबत भी बेहद फायदेमंद है। सत्तू की तासीर ठंडी होती है। गर्मियों में बच्चों को सत्तू का शरबत पिला सकते हैं। जिससे शरीर को ठंडक मिलती है।
बच्चों को शिकंजी पिलाने से पेट को ठंडक मिलती है। शिंकजी से इंस्टेंट एनर्जी भी मिलती है। बोतल में नींबू पानी या शिकंजी भरकर स्कूल के लिए दे सकते हैं। इसमें चीनी की बजाय मिश्री का उपयोग कर सकते हैं।
तेज गर्मी के दौरान बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए हाइड्रेशन, उचित कपड़े, इनडोर कूलिंग का ध्यान रखें। सुनिश्चित करें कि वे खूब तरल पदार्थ ले रहे हैं, उन्हें हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनाएं और तेज़ धूप के समय छाया वाले स्थान का चुनाव करें।
Created On :   14 April 2025 7:00 PM IST