Nagpur News: महाबोधि महाविहार की मुक्ति के लिए सुलेखा कुंभारे ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका

महाबोधि महाविहार की मुक्ति के लिए सुलेखा कुंभारे ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका
  • एड. सुलेखा कुंभारे बनीं याचिकाकर्ता
  • बौद्धों के मूलभूत अधिकारों का हनन
  • जीतने का विश्वास भी जताया

Nagpur News. बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधि महाविहार की मुक्ति के लिए पूर्व राज्यमंत्री एड. सुलेखा कुंभारे ने भी याचिका दायर की है। एड. कुंभारे ने स्वयं याचिकाकर्ता के रूप में 30 साल बाद यह याचिका दायर की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह याचिका वरिष्ठ वकीलों के मार्गदर्शन और पूर्ण कानूनी अध्ययन के बाद तकनीकी रूप से तैयार की गई है।

बौद्धों के मूलभूत अधिकारों का हनन

इस याचिका में बोधगया टेम्पल एक्ट 1949 को असंवैधानिक घोषित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 13, 25, 26 और 29 का आधार लिया गया है। यह कानून संविधान लागू होने से पहले से अस्तित्व में है, और संविधान के अनुच्छेद 13 के अनुसार 26 जनवरी 1950 से पहले के सभी कानून रद्द किए जा सकते हैं। फिर भी, बोधगया टेम्पल एक्ट 1949 लागू है, जिसमें प्रबंधन समिति में चार बौद्ध, चार हिंदू और एक जिला अधिकारी शामिल हैं, जो संविधान के खिलाफ हैं और बौद्धों के मूलभूत अधिकारों का हनन करता है। संविधान का अनुच्छेद 25 प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन, आचरण और प्रचार करने का अधिकार देता है, लेकिन बौद्धों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। अनुच्छेद 26 नागरिकों को अपने धार्मिक स्थलों के प्रबंधन का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यक समुदायों के सांस्कृतिक अधिकारों की। बोधगया टेम्पल एक्ट इन सभी संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। याचिका में कई ऐसे कानूनी बिंदु शामिल किए गए हैं।

जीतने का विश्वास भी जताया

सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि के मामले में आस्था के आधार पर फैसला दिया था। उसी तरह बौद्धों की आस्था और भावनाओं का सम्मान करते हुए बोधगया टेम्पल एक्ट में संशोधन कर महाबोधि महाविहार को बौद्धों के नियंत्रण में सौंपने की मांग को लेकर एड. कुंभारे ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने राम जन्मभूमि की तर्ज पर महाबोधि महाविहार की लड़ाई जीतने का विश्वास भी जताया है।

सुरेई ससाई की याचिका की पूरक होगी : इससे पहले 2012 में भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई ने सुप्रीम कोर्ट में महाबोधि महाविहार मुक्ति के लिए एक याचिका दायर की थी, जो अभी लंबित है। एड. कुंभारे ने विश्वास जताया कि यह याचिका भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की याचिका की पूरक होगी। साथ ही 12 मई 2025 को बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर बिहार के महाबोधि महाविहार, बोधगया में बौद्ध भिक्खुओं द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी आंदोलन में एड. कुंभारे अपने कार्यकर्ताओं के साथ शामिल होंगी।

Created On :   14 April 2025 8:17 PM IST

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