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Nagpur News: परीक्षा और गर्मी, नो टेंशन - कुछ टिप्स अपनाकर बच्चों को रख सकते हैं तनावमुक्त

- सटीक रूटीन तैयार करें
- मोटिवेट करें, प्रेशर न बनाएं
- मोबाइल से रखें दूर
Nagpur News. शहर में इन दिनों स्कूलों में परीक्षा का सीजन चल रहा है और इस बार तेज धूप के साथ भीषण गर्मी भी है। कक्षा पहली से 9वीं तक के बच्चे जब पढ़ाई और गर्मी दोनों से जूझ रहे होते हैं, तब पेरेंट्स की भूमिका सबसे अहम हो जाती है। बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई पर फोकस करना पड़ता है, बल्कि उन्हें गर्मी और थकावट से भी बचाना होता है। इस वक्त पेरेंट्स पर बच्चों को तनावमुक्त, स्वस्थ और एग्जाम के लिए तैयार रखना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में कुछ सावधानी और टिप्स अपनाकर बच्चों को तनावमुक्त कर सकते हैं।
सटीक रूटीन तैयार करें
बच्चों के लिए एक हल्का, लेकिन डिसिप्लिन्ड टाइम टेबल बनाएं, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ ब्रेक और नींद का भी ध्यान रखा जाए। सुबह का समय पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा होता है। कोशिश करें बच्चे जल्दी उठें और फ्रेश माइंड से पढ़ाई करें। पढ़ाई के बाद थोड़ी मस्ती या फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है। बच्चों को लंबे समय तक बैठने के बजाय छोटे-छोटे सेशन्स में पढ़ाई कराएं, जैसे 25-30 मिनट पढ़ाई +5 मिनट ब्रेक दें। फ्लैश कार्ड्स, कलरफुल चार्ट्स, ऑडियो-वीडियो क्लिप्स जैसे टूल्स से बच्चों की रुचि बनी रहती है। छोटे बच्चों को पढ़ाई को खेल की तरह सिखाना ज्यादा असरदार होता है।
मोटिवेट करें, प्रेशर न बनाएं
परीक्षा के समय बच्चों को सबसे ज्यादा जरूरत होती है पॉजिटिव माहौल की। परीक्षा के दिनों में घर का माहौल शांत और सपोर्टिव रखें। रिजल्ट या नंबर पर जोर देने के बजाय उन्हें यह भरोसा दें कि वे अपना बेस्ट दें, बच्चों के प्रयासों की तारीफ करें, उन्हें ‘तुम कर सकते हो’ जैसे छोटे वाक्यों से मोटिवेट करें। यही सबसे ज़रूरी है। गलती हो जाए, तो डांटने के बजाय समझाएं। कभी-कभी एक मुस्कान या एक छोटा-सा प्रोत्साहन ‘शाबाश’ कहना उनके आत्मविश्वास को दोगुना कर देता है।
एक्टिव और फ्रेश रखें
बच्चों को दिनभर हाइड्रेट रखें। इसके लिए नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, बेल का शरबत दें। ये देसी ऑप्शन सबसे बेस्ट हैं। खाने में हल्का, सुपाच्य भोजन दें, जैसे खिचड़ी, दाल-चावल, रोटी-सब्जी, दही आदि। भारी और तले-भुने खाने से थकावट बढ़ती है और नींद आती है। पानी बोतल में रखें, बाहर का कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम देने से बचें, क्योंकि वायरल और पेट की दिक्कतें इन दिनों आम हैं।
मोबाइल से रखें दूर
परीक्षा का समय सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, पेरेंट्स के लिए भी एक परीक्षा जैसा ही होता है, जहां प्यार, समझ और धैर्य सबसे बड़े टूल्स बन जाते हैं। अगर बच्चे को सही समय, सही खानपान और सही मोटिवेशन मिल जाए, तो गर्मी और परीक्षा दोनों आसानी से पार हो सकते हैं। -"बच्चों की मेहनत का समर्थन करें, तुलना नहीं। रिजल्ट बाद में आता है, आत्मविश्वास पहले चाहिए। पढ़ाई के समय मोबाइल पूरी तरह बंद या दूर रखें। बच्चों के साथ बैठकर डिसिप्लिन से स्क्रीन टाइम तय करें और खुद भी उसका पालन करें। बच्चों को 8-9 घंटे की नींद जरूर मिले, वरना थकावट, चिड़चिड़ापन और भूलने की शिकायत हो सकती है। सोने से पहले हल्की बातचीत करें, कोई कहानी सुनाएं या मेडिटेशन जैसी आदत डालें।
मैं तुम्हारे साथ हूं
अनुष्का करीरा, काउंसलर व साइकोथेरपिस्ट के मुताबिक पेरेंट्स का तनाव बच्चों में ट्रांसफर हो जाता है। जब आप उन पर दबाव डालते हैं, तो बच्चे खुद को आपकी टेंशन की वजह मानने लगते हैं और अपनी परेशानियां आपसे छुपाने लगते हैं। क्या हुआ पूछने के बजाय कहें कोई भी परेशानी हो, तो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं। यह भरोसा सिर्फ शब्दों से नहीं, आपकी स्थिरता और मौजूदगी से भी दिखना चाहिए। बच्चों की किसी से तुलना न करें। अगर आप कहते हैं ‘मैं हूँ', तो हर हाल में वो महसूस भी होना चाहिए।
Created On :   14 April 2025 9:25 PM IST