Nagpur News: गडकरी ने सुनीं 400 शिकायतें - मंत्रीजी पत्र लिख देते हैं, लेकिन अफसर सुनते नहीं

गडकरी ने सुनीं 400 शिकायतें - मंत्रीजी पत्र लिख देते हैं, लेकिन अफसर सुनते नहीं
  • जनता है, दरबार है... कार्रवाई का इंतजार है
  • गडकरी ने सुनीं 400 शिकायतें
  • फिर भी बंधी है उम्मीद की आस

Nagpur News. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर के सांसद भी हैं। नियमित रूप से जनसंपर्क करके नागरिकों की शिकायतें सुनते हैं। संबंधित अधिकारियों को तत्काल फोन करके समुचित निर्देश देते हैं। आवेदन संलग्न करके विभाग के नाम एक पत्र भी भेजते हैं। उसकी प्रतिलिपि आवेदक को मिल जाती है ताकि आगे की कार्रवाई संभव हो। अपने मतदाताओं के साथ ऐसा जीवंत जुड़ाव देश के कितने सांसद-विधायक रखते होंगे, यह एक जरूरी शोध का विषय है।

400 पर्ची जारी की गई

रविवार को खामला चौक जनसंपर्क कार्यालय में गडकरी ने 400 लोगों की शिकायतें सुनीं। उनका प्रबंधन देख रहे लोगों के अनुसार लगभग दो हजार से ज्यादा लोग आए थे। लेकिन कुल 400 पर्ची जारी की गईं। अपनी बारी आने पर लोग अंदर जाकर अपनी समस्या बताते। समाधान का भरोसा और उनका पत्र लेकर वापस लौटते।

उम्मीद की आस

जनसंपर्क में आए लोगों को भरोसा है कि यहां आए लोगों का काम जरूर होगा। आज नहीं तो कल, अफसर उनका काम जरूर करेंगे। जनसंपर्क में कुछ ऐसे लोग भी मिले, जिनके पक्ष में गडकरी पहले भी पत्र लिख चुके हैं। लेकिन उनका काम नहीं हुआ। कुछ लोगों ने कहा, ""गडकरी जी तो पत्र लिख देते हैं, फोन कर देते हैं। लेकिन अफसर किसी की नहीं सुनते। हमारा काम अटका पड़ा रहता है।'' ऐसी निराशा के बावजूद उम्मीद पर ही दुनिया कायम है।

समाधान तो आखिर प्रशासन ही करता है : इतनी बड़ी संख्या में परेशान हाल नागरिकों की मौजूदगी बताती है कि विभागों के अधिकारियों ने अपना काम नहीं किया है। अधिकारियों से उम्मीद होती, तो इतने लोग ऐसे जनसंपर्क में आने के बदले सरकारी कार्यालय जाते। सात अप्रैल को नागपुर जिलाधिकारी कार्यालय में जिलास्तरीय लोकशाही दिवस मनाया गया। मात्र चार नागरिक आए। उनकी समस्याओं के बारे में भी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। प्रशासन पर भरोसा होता, तो वहां भी दो हजार नागरिक अपनी समस्या लेकर आते। समाधान तो आखिर प्रशासन ही करता है। जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशील सिविल सविर्सेज अधिकारी हों, तो उन्हें नितिन गडकरी के जनसंपर्क प्रयोग से सीखना चाहिए।


कृत्रिम पैर मिलने का इंतजार

अतुल साहेबरावजी भोयर के मुताबिक नरखेड़ तहसील के नारसिंगी निवासी अतुल को एक पैर नहीं है। कृत्रिम पैर मिलने का इंतजार है। आठ महीने पहले भी गडकरी ने पत्र लिखा था। समाज कल्याण की मैडम सिर्फ आश्वासन देती हैँ।


शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई

प्रकाश वंजारी, सतरंजीपुरा के मुताबिक हमारे घर के बगल में एक दबंग ने हमारी और सरकारी जमीन को कब्जा करके मकान बना लिया। एनएमसी को कई बार शिकायत की गई। कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब गडकरी के पास आए हैं। उन्हें सुनवाई के लिए 287 नंबर की पर्ची मिली है।


महीनों से भटक रहे हैं

रामभाऊ सदाशिव बनसोड़ के मुताबिक जिला परिषद में कार्यरत पत्नी का 2012 में निधन हो गया था। पेंशन में बेटी नॉमिनी थी। अब 2024 में बेटी भी गुजर गई। नॉमिनी में अपना नाम चढ़वाने के लिए कई महीने से भटक रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं।


कोई कार्रवाई नहीं हुई

आबाराव महादेव चन्ने के मुताबिक भजनगायक और कलाकार हैं। महाराष्ट्र सरकार की वृद्ध साहित्यिक कलाकार मानदेय योजना में मासिक पांच हजार रूपये मिलने का हक है। लेकिन दो बार आवेदन जमा करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बेकार है बार-बार जाना

ज्ञानेश्वर गुरव, सामाजिक कार्यकर्ता के मुताबिक सांसद तो अपना दायित्व निभाते हैं, लेकिन अफसर काम नहीं करते। हमारे इलाके में एक पांडे जी की जमीन की समस्या है। पांच महीने पहले गडकरी जी ने पत्र लिखा, काम नहीं हुआ। आज मैंने शर्माजी को यहां आने कहा तो बोले, बेकार है बार-बार जाना, नितिन गडकरी तो पत्र दे दें, लेकिन अफसर नहीं सुनते। इसलिए यहां से भेजे गए पत्र पर क्या कार्रवाई हुई, इसका फालोअप भी गडकरी जी की टीम को करना चाहिए। वरना लोग निराश होंगे।

अब तक प्लॉट नहीं मिला

ममता नीलकंठ झुरे के मुताबिक पच्चीस साल पहले म्हाडा ने गोधनी में प्लॉट के लिए लॉटरी कराई थी। उसमें 184 लोगों को प्लॉट एलॉट हुए। हमारा भी हुआ। मेरे पति ने पूरे पैसे जमा करा दिए। लेकिन अब तक प्लॉट नहीं मिला। बीस साल पहले पति भी गुजर गए। अब यह प्लॉट ही सहारा है।




Created On :   14 April 2025 8:06 PM IST

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