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Nagpur News: सरकारी योजनाओं के लिए निधि का अभाव बना संकट , मनपा खुद परेशान
- केवल 5 से 20 फीसदी निधि मिली
- निधि के अभाव में अटकी योजनाएं
- लोगों के रोष का करना पड़ रहा सामना
Nagpur News महानगरपालिका प्रशासन इन दिनों खासा आर्थिक संकट से गुजर रहा है। 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आचार संहिता लागू हुई है। आचार संहिता के लगने से पहले मनपा प्रशासन ने करीब 1500 करोड़ से अधिक की योजनाओं और विकास कामों की टेंडर प्रक्रिया की है। इसके साथ ही ठेका एजेंसियों को कार्यादेश भी दिया गया है, लेकिन वास्तविकता में योजनाओं और कामों को पूरा करने के लिए पर्याप्त निधि नहीं है। इन कामों के लिए राज्य सरकार से प्रशासकिय मान्यता के साथ केवल 5 से 20 फीसदी निधि आवंटित हुई है।
ऐसे में भविष्य में निधि के अभाव में कामों के अटकने की संभावना बन गई है। इस साल लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनावों के चलते बड़े पैमाने पर विकास कामों की घोषणा की गई है। चुनावों के पहले लाड़ली बहन योजना समेत नए महामंडलों की घोषणा कर निधि आवंटन हुआ है। ऐसे में बड़े पैमाने पर मनपा समेत अन्य स्थानीय निकाय की प्रस्तावित योजनाओं की निधि को रोक दिया गया है। इस साल के आरंभ में मनपा ने सीमेंट रास्तों के साथ ही ड्रेनेज लाइन, नदियों के प्रदूषण निर्मूलन, जलापूर्ति योजना से जुड़ी अनेक योजनाओं को आरंभ किया है। बड़ी-बड़ी घोषणाओं के साथ टेंडर प्रक्रिया कर कार्यादेश देने से मनपा प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। निधि आवंटन नहीं होने से वित्तीय देनदारी और योजना के पूरा होने में देरी भी होगी।
10 फीसदी निधि से काम आरंभ : पिछले आर्थिक वर्ष 2023-24 में घोषित नंदग्राम योजना और इंटेलिजेंट एंड इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईआईटीएमएस) को लेकर सुविधा हुई थी। दोनों योजनाओं में से इंटेलिजेंट एंड इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईआईटीएमएस) के लिए ₹197 करोड़ और नंदग्राम एनिमल शेल्टर के लिए ₹104 करोड़ रुपए आवंटित हुए है। हालांकि पिछले साल अंबाझरी से आपदा पुर्नवास को लेकर भेजे प्रस्ताव, बुनियादी सुविधा से जुड़ी योजनाओं के लिए अब तक पर्याप्त निधि नहीं मिल पाई है। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपये की योजनाओं में भी 10 फीसदी ही राशि मिल पाई है। यही स्थिति पूर्व और दक्षिण नागपुर निर्वाचन क्षेत्रों की 300 करोड़ की योजनाओं में भी निधि नहीं मिल पाई है। मनपा के बढ़ते आर्थिक बोझ को लेकर फिलहाल कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है।
आपदा प्रबंधन की निधि पर भी संकट : महानगरपालिका प्रशासन की ओर से आपदा प्रबंधन की निधि पर भी संकट को लेकरा चिंता जताई जा रही है। पिछले साल 23 सितंबर को अंबाझरी तालाब में ओवरफ्लो के चलते शहर में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। इस नुकसान के चलते रास्ते दुरूस्ती, नदियों की सुरक्षा दीवार समेत अन्य कामों के लिए 300 करोड़ से अधिक के प्रस्तावों को भेजा गया था, इसमें से 204 करोड़ की निधि के कामों को राज्य सरकार ने मंजूरी भी प्रदान कर दी थी। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले मंजूरी के बाद भी राज्य सरकार ने निधि आवंटन को रोक दिया है। पिछले साल भर में महानगरपालिका प्रशासन को केवल 14.51 करोड़ की निधि ही मिल पाई है। निधि की कमी के चलते नाग नदी और पीली नदी के 8.41 किमी के किनारे की क्षतिग्रस्त रिटेनिंग दीवारों का निर्माणकार्य भी प्रभावित होने की संभावना है।
6 माह तक मुश्किल नहीं : राज्य सरकार से अनेक योजनाओं को लेकर प्रशासकिय मंजूरी के साथ 5 से 20 फीसदी तक राशि दी गई है। संभावना है कि चुनावों के बाद सभी योजनाओं के लिए पर्याप्त निधि मिल जाएंगी। फिलहाल अगले करीब 6 माह तक आर्थिक संकट होने की संभावना नहीं है, लेकिन 6 माह के बाद संकट हो सकता है। आला अधिकारी, मनपा
Created On :   17 Oct 2024 5:21 PM IST