Nagpur News: प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में नागपुर सबसे आगे

प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में नागपुर सबसे आगे
  • एक किलावैट के लिए 30 हजार, 2 किलोवैट के लिए 60 हजार रुपए सब्सिडी
  • जिले में 8,117 बिजली उपभोक्ताओं ने लिया योजना का लाभ
  • जिले से 21,873 आवेदन प्राप्त हुए

Nagpur News प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधान मंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को नागपुर शहर और जिले में भारी प्रतिसाद मिला है। योजना का लाभ लेने में विदर्भ में नागपुर सबसे आगे है। नागपुर जिले (शहर व ग्रामीण) में अभी तक 8,117 बिजली उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ लिया है और उनकी स्थापित क्षमता 33.32 मेगावाट है। उन्हें 53 करोड़ की सब्सिडी मंजूर की गई है। इसके अलावा शहर और जिले से 21,873 आवेदन प्राप्त हुए हैं और इस पर कार्य प्रगति पर है। महावितरण के नागपुर के क्षेत्रीय निदेशक परेश भागवत ने बिजली उपभोक्ताओं को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की है।

यह योजना केंद्र सरकार द्वारा प्रति माह 300 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले ग्राहकों को मुफ्त बिजली प्रदान करने और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय अर्जित करने के लिए शुरू की गई है। विदर्भ महावितरण के तहत नागपुर जिला (8,117) ने बढ़त बना ली है। इनमें अमरावती (3,231), अकोला (1,537), वर्धा (1,232) बुलढाणा (1,076), यवतमाल (892), चंद्रपुर (891), भंडारा (761), गोंदिया (515), वाशिम (395) और गढ़चिरौली (384) शामिल हैं। विदर्भ से अब तक 87,159 उपभोक्ताओं ने आवेदन किया है, जिनमें से 18,851 बिजली उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिला है। उनकी कुल स्थापित क्षमता 76.74 मेगावाट है और उन्हें 127 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की गई है। इसके अलावा विदर्भ में 66,443 बिजली उपभोक्ता ये प्लांट लेने के लिए तैयार हैं और 1,152 उपभोक्ता का काम अंतिम चरण में हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मोफत बिजली योजना के तहत छत पर सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना लगाने वाले बिजली उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी मिलती है। एक किलोवाट का सोलर सिस्टम प्रति माह लगभग 120 यूनिट बिजली पैदा करता है। छत पर सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र में उत्पन्न अतिरिक्त सौर ऊर्जा को बेचा जा सकता है। परियोजना में अतिरिक्त बिजली के उत्पादन के कारण बिजली का बिल शून्य है। इसके अलावा, सौर ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण में मदद करती है और उपभोक्ताओं को वित्तीय रूप से भी लाभ होता है। पैसे बचाने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है।

परेश भागवत ने कहा कि फरवरी माह में योजना के शुभारंभ के बाद से राज्य में 48,202 छत सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं स्थापित की गई हैं। उनकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 192.03 मेगावाट है और उन्हें 319 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की गई है। साथ ही राज्य में अब तक 2 लाख 41 हजार 178 ग्राहकों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। पैसे बचाने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है।

Created On :   1 Oct 2024 10:10 AM GMT

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