Nagpur News: नहर फूटने से फसल सहित खेत बर्बाद , संकट में घिरे क्षेत्र के किसान

नहर फूटने से फसल सहित खेत बर्बाद , संकट में घिरे क्षेत्र के किसान
  • पेंच बाईं क्षेत्र की घटना
  • 23 किसानों की 25 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित
  • मुआवजा देने की मांग कर रहे किसान

Parshivni Nagpur News पारशिवनी तहसील के उमरी शिवार के लोहारा (रीठी) क्षेत्र में बुधवार की सुबह करीब 6 बजे के दरम्यान पेंच बाया (भंडारा) नहर फूटने से क्षेत्र की कृषि भूमि फसलों के साथ बह गई।

3000 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज हो रहा था : नवेगांव खैरी पेंच नहर पेंच दाईं (कोराडी) और बाएं (भंडारा) से जुड़ा हुआ है। सिंचाई के लिए किसानों की मांग के चलते भंडारा नहर से अधिक पानी छोड़ना शुरू किया गया था। इसकी वजह से भंडारा नहर से तकरीबन 3000 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज किया जा रहा था और नहर ओवरफ्लो हो रही थी। हालांकि कर्मचारी और शाखा इंजीनियर चौबीस घंटे निगरानी के लिए मौजूद हैं। प्रभावित स्थान पर नहर के नीचे सीमेंट पाइप बिछाकर टर्नर का निर्माण किया गया है। उसी स्थान पर नहर के बाहरी किनारे और टर्नर को जोड़कर सीमेंट दीवार का निर्माण किया गया। इससे पहले नहर से पानी खेतों में बहाने की जानकारी क्षेत्र के किसानों ने दी। इसके बाद मरम्मत कराते हुए पानी बंद कर दिया गया था। हालांकि किसानों का कहना है कि रिसाव अभी भी जारी था। नहर से पानी निकासी जारी रहने से उस स्थान पर मिट्टी गीली होकर नरम पड़ गई। सीमेंट की दीवार के चलते कुछ दिनों तक रिसाव बंद था।

निरीक्षण कर क्षति का आकलन : सुबह करीब 11.30 बजे के आसपास उपविभागीय अभियंता डांगे, कार्यकारी अभियंता पेंच पाटबांधरे विभाग, नागपुर के अकुलवार, उपविभागीय अभियंता पेंच सिंचाई उपविभाग टेकाडी के एमएम डांगे, पारशिवनी के तहसीलदार सुरेश वाघचौरे, तहसील कृषि अधिकारी राकेश वासु, पटवारी साल्वे, कृषि सहायक झोड़ आदि मौके पर पहुंचे। तहसीलदार और तहसील कृषि अधिकारी ने घटना का पंचनामा और प्रभावित क्षेत्र की स्थिति का निरीक्षण कर क्षति का आकलन किया।

मुआवजे की मांग : प्रभावित किसानों में नारायण शिलार, मनीषा गायकवाड़, व्यंकट डोनारकर, गुलाब डोनारकर, साहेबराव वालुकर, सूर्यभान डोनारकर, दामू ठाकर, सयाबाई खंगार, जानराव खंगार, श्रीपत राऊत, चिंतामन उरकुंडे, फागो बावने, राष्ट्रपाल खोबरागड़े, ईश्वर राऊत सहित 23 किसान शामिल हैं। लगभग 25 हेक्टेयर मंे फसल बह गई। अभी तक नुकसान का आकलन पूरी तरह से पता नहीं चल पाया। शत-प्रतिशत मुआवजा दिलाने की मांग किसान कर रहे हैं।

नहर कब फूटी इसकी जानकारी नहीं : आखिरकार बुधवार को स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और सुबह करीब 6 बजे के आसपास नहर टूट गई। 100 फीट लंबा और 15 फीट गहरी खाई नहर में बन जाने से नहर का पानी आसपास के खेतों में फैल गया और कृषि भूमि का अधिकांश भाग फसल सहित बह गया। चर्चा है कि, संबंधित विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए था, लेकिन नहर कब फूटी इसकी जानकारी किसी भी कर्मचारी व अधिकारी को नहीं हुई। फोन करने पर शाखा इंजीनियर गौर ने सुबह 9 बजे नहर बंद कर दी। दोपहर एक बजे तक पानी पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

Created On :   10 Oct 2024 11:12 AM GMT

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