- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- मेडिकल में स्ट्रेचर पर ढो रहे...
Nagpur News: मेडिकल में स्ट्रेचर पर ढो रहे निर्माण सामग्री, मरीजों को मिलता नहीं - परिजनों को गिनाए जाते हैं नियम

- नवीनीकरण के नाम पर मनमर्जी
- पुरानी इमारत चमक रही, पर आवाजाही में समस्या
Nagpur News. 75 साल पुराने मेडिकल अस्पताल में सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 514 करोड़ रुपए की मंजूरी सरकार ने दी है। इस राशि से मेडिकल में विकासकार्य शुरू है। मेडिकल के भीतर व बाहर निर्माणकार्य चल रहा है। अनेक स्थानों पर सुविधाओं का अपग्रेडेशन हो रहा है, लेकिन अधिकतर काम रामभरोसे चल रहा है। हास्यास्पद यह कि निर्माणकार्य की सामग्री ढोने के लिए स्ट्रेचर का उपयोग किया जा रहा है। दिन भर सैकड़ों डॉक्टरों, कर्मचारियों व अधिकारियों की आवाजाही होती है, लेकिन किसी की इस पर नजर नहीं पड़ रही, जबकि मेडिकल में आनेवाले मरीजों के लिए जब स्ट्रेचर की जरुरत पड़ती है, तो उन्हें नियम गिनाए जाते हैं।
मांगते हैं आधार : मेडिकल की पुरानी मुख्य इमारत के भीतर आवाजाही के मार्ग पर टाइल्स निकालकर ग्रेनाइट लगाया जा रहा है। वहीं कुछ स्थानों की मरम्मत व अन्य कार्य शुरू है। इन कामों के लिए जरूरी सामग्री ढोने के लिए स्ट्रेचर का उपयोग किया जा रहा है, जबकि स्ट्रेचर मरीजों को लाने-ले जाने के लिए होते हैं। मेडिकल में आने वाले गंभीर मरीजों को वार्ड में भर्ती करने के लिए स्ट्रेचर की आवश्यकता होती है। जब स्ट्रेचर मांगा जाता है तो परिजनों को आधार कार्ड या अन्य कोई दस्तावेज मांगा जाता है। स्ट्रेचर लौटाने पर यह दस्तावेज वापस किये जाते हैं।
एक नहीं, अनेक समस्याएं
सर्जरी कैजुअल्टी में मोबाइल वैन धूल खा रहे हैं। जब तक भीतरी रास्तों का निर्माणकार्य पूरा नहीं होता तब तक यह मोबाइल वैन नहीं चल सकती। मरीजों को यहां से वहां लाने-ले जाने में काफी समस्या आ रही है। पुरानी इमारत के किचन के पास का हिस्सा जर्जर होने से वहां से आवाजाही बंद कर दी थी। नई इमारत की दरकार है, लेेकिन प्रस्ताव नहीं बन पा रहा है। पुरानी इमारत की ही मरम्मत कर चमकाया जा रहा है। अनेक स्थानों पर निर्माणकार्य की सामग्री पड़ी है।
मोबाइल पर एक्स-रे की फोटो
मेडिकल में पहले सभी काम ऑनलाइन हुआ करते थे। रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज की सारी जानकारी संबंधित डॉक्टर कक्ष में पहुंच जाती थी। जब से ऑनलाइन सेवा बंद हुई है, तब से डॉक्टरों को पर्ची लिखनी पड़ती है। मरीजों का डेटा वन क्लिक पर उपलब्ध नहीं होता। केवल रजिस्ट्रेशन व शुल्क भुगतान की सुविधा उपलब्ध है। इससे सबसे बड़ी समस्या एक्स-रे के लिए आनेवाले मरीजों काे आ रही है। उन्हें मोबाइल पर एक्स-रे की फोटो निकालकर संबंधित डॉक्टरों को दिखानी पड़ती है। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं होता या जिनके फोन का कैमरा क्लियर इमेज नहीं लेता उन्हें परेशानी हो रही है।
Created On :   5 March 2025 7:43 PM IST