Nagpur News: राकांपा अजित गुट ने चुनावी मैदान में उतारा अनिल देशमुख का हमनाम उम्मीदवार

राकांपा अजित गुट ने चुनावी मैदान में उतारा अनिल देशमुख का हमनाम उम्मीदवार
  • देशमुख नामक कार्यकर्ता को उम्मीदवारी दी
  • पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के नाम पर राकांपा अजित गुट के कार्यकर्ता की उम्मीदवारी

Nagpur News : काटोल विधानसभा क्षेत्र में अनिल देशमुख नामक कार्यकर्ता को उम्मीदवारी दी है। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के नाम पर राकांपा अजित गुट के कार्यकर्ता की उम्मीदवारी मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति ला सकती है। अविभाजित राकांपा में अनिल देशमुख घड़ी चिन्ह पर चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार भले ही वे उम्मीदवार नहीं है लेकिन उनके ही नाम पर राकांपा अजित गुट का उम्मीदवार घड़ी चिन्ह पर चुनाव लड़ेगा। राकांपा शरद गुट ने सलिल देशमुख को उम्मीदवारी दी है। वे तुतारी चिन्ह पर लड़ेंगे। ऐसे में अनिल देशमुख के घड़ी निशान वर्सेस सलिल देशमुख के तुतारी निशान का प्रचार क्षेत्र में निश्चित ही भ्रम फैलाएगा। राकांपा अजित गुट के उम्मीदवार अनिल देशमुख नरखेड तहसील में थूगाव निपानी के निवासी है। उनके पिता का नाम शंकरराव है। उल्लेखनीय है िक पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख 1995 में काटोल विधानसभा क्षेत्र में चुनाव जीते। 18 साल तक वे मंत्री रहे हैं। 2014 के चुनाव को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी चुनाव देशमुख ने जीते है। इस बार भी राकांपा शरद गुट की ओर से उनकी उम्मीदवारी घोषित की गई थी। लेकिन उन्होंने पुत्र सलिल देशमुख को उम्मीदवारी दिलायी है। चुनाव चिन्ह को लेकर भ्रम की स्थिति बनने से राजनीतिक दलों को नुकसान उठाना पड़ता है। राकांपा प्रमुख शरद पवार कह चुके हैं कि लोकसभा चुनाव में उनके दल के चिन्ह के मिलते जुलते अन्य उम्मीदवार के चिन्ह के कारण उन्हें नुकसान हुआ। लोकसभा की एक सीट उन्हें गंवानी पड़ी। काटोल को लेकर राकांपा शरद गुट के कार्यकर्ता कहने लगे हैं कि नाम व चिन्ह को लेकर भ्रम होगा। इस मामले पर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है-भाजपा ने मेरे नाम का व्यक्ति खोजकर चुनाव मैदान में उतारा है।

चर्चा में है सीट

काटोल विधानसभा क्षेत्र चर्चा में है। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चला है। अनिल देशमुख ने हाल ही में एक पुस्तक प्रकाशित किया है। डायरी आफ होम मिनिस्टर के नाम से पुस्तक में अनिल देशमुख ने दावा किया है कि उन्हें फडणवीस ने न केवल जेल भिजवाया बल्कि जेल में परेशान भी किया। फडणवीस ने उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अजित पवार सहित अन्य को फंसाने लिए उस समय दबाव लाया था तब मैं गृहमंत्री था। इस चुनाव में दावा किया जा रहा है कि देशमुख को राजनीतिक तौर पर घेरने की योजना बनायी गई है।

Created On :   31 Oct 2024 3:48 PM GMT

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