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Nagpur News: बाहर लटके ताले, अंदर चलती रहीं कक्षाएं - कर्फ्यू के बीच बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान

- अध्ययन में परेशानी न हो इसलिए अभिभावकों व शिक्षकों ने निकाली तरकीब
- बाहर लटके ताले, अंदर चलती रहीं कक्षाएं
- पूरी हाजिरी के साथ स्कूल पहुंचे बच्चे
Nagpur News. शहर के महाल क्षेत्र में पिछले सप्ताह कर्फ्यू लागू किया गया था, जिसके कारण यहां स्थित स्कूलों और कॉलेजों की गतिविधियां प्रभावित हुईं। महाल क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थान हैं, और इस कर्फ्यू का विद्यार्थियों की परीक्षा तैयारियों पर भी गहरा असर पड़ा है। कर्फ्यू के दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षकों में चिंता बनी रही। इस दौरान शिक्षकों ने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के साथ-साथ उनकी परीक्षा की तैयारी में कोई कमी न आए, इसका विशेष ध्यान रखा। सोमवार को भी स्कूलों के मुख्य दरवाजे पर ताले लगाकर अंदर कक्षाएं ली गईं। बच्चों को खाने की छुट्टी में भी बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। छुट्टी के बाद बच्चों को स्कूल बसों में सुरक्षित बैठाकर उनके घर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों ने निभाई।
पूरी हाजिरी के साथ स्कूल पहुंचे बच्चे
एक सप्ताह के कर्फ्यू के बाद जब स्कूल खुले, तो बच्चों की हाजिरी फुल रही। परीक्षा की चिंता और सहपाठियों से मिलने की खुशी ने बच्चों को स्कूल आने से नहीं रोका। जो बच्चे स्कूल के करीब रहते थे, उनके पालकों ने खुद बच्चों को स्कूल छोड़ा।
रिवीजन का वक्त हाथ से गया
कर्फ्यू के पहले बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा कर दिया गया था, लेकिन कर्फ्यू के कारण रिवीजन का समय हाथ से निकल गया। इसके बावजूद, शिक्षकों ने बच्चों को और मेहनत करके रिवीजन करवाने का निर्णय लिया है।
दहशत के बीच सुरक्षा की पूरी व्यवस्था
सोमवार को कर्फ्यू के बीच स्कूल खोले गए, लेकिन महाल क्षेत्र में उपद्रव होने के कारण बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन गया। इसे ध्यान में रखते हुए, स्कूलों के मुख्य दरवाजे पर ताले लगाकर कक्षाएं ली गईं और छुट्टी के समय बच्चों की सुरक्षा के लिए दो शिक्षकों को बाहर तैनात किया गया।
ऑनलाइन शिक्षा में आई दिक्कतें
कोरोना के बाद एक बार फिर कर्फ्यू के दौरान बच्चों को घर से ही शिक्षा प्राप्त करनी पड़ी। विशेष रूप से सरकारी स्कूलों के बच्चों को इस दौरान काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। कर्फ्यू के दौरान महाल क्षेत्र बंद था, लेकिन शहर का बाकी हिस्सा खुला था। इस कारण पालक घर में मौजूद नहीं थे, क्योंकि अधिकांश बच्चों के घरों में केवल एक फोन था। इसके चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में परेशानी आई, लेकिन शिक्षकों ने बच्चों के रिवीजन के लिए नोट्स भेजे, ताकि उनकी परीक्षा की तैयारी पर कोई असर न हो।
डर निकालने की कोशिश करते रहे
विजया दहीकर, (प्रिंसिपल, सी पी एंड बेरार विद्यालय) के मुताबिक कर्फ्यू के दौरान बच्चों के पालकों में काफी भय था, जिसके कारण वे बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे थे। लेकिन, स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया और पालकों को विश्वास दिलाया कि बच्चे सुरक्षित रहेंगे। इस स्थिति को देखते हुए पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजा। साथ ही आज स्कूल में प्रार्थना के वक्त उनके मन से डर निकालने के लिए उन्हें परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हम शिक्षक समर्थ हैं, ऐसा विश्वास भी उन्हें दिलाया।
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की
माया बमनोटे, (प्रिंसिपल, हिंदू मुलींची शाला) के मुताबिक प्रशासन ने कर्फ्यू हटाने की घोषणा की, जिसके बाद पालक वर्ग निश्चिंत हुआ और बच्चे स्कूल पहुंचे। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए, कुछ बच्चों को पिछले द्वार से स्कूल बुलाया गया और मुख्य गेट पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई। पुलिस भी मार्ग पर तैनात थी, जिससे बच्चों की सुरक्षा और भी सुनिश्चित हो सकी।
Created On :   25 March 2025 7:35 PM IST