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Nagpur News: कोरोना काल के अटके हुए बिल को लेकर ठेकेदारों ने दी चेतावनी
- 4 साल से मनपा प्रशासन पर अनदेखी का आरोप
- अधिकारी केवल जांच करने की जानकारी देकर पल्ला झाड़ रहे
- ठेकेदार झेल रहे आर्थिक संकट
Nagpur News महानगरपालिका की ओर से कोरोना संक्रमण के दौरान कंटेनमेंट जोन बनाने के कामों की रकम का भुगतान नहीं होने से ठेकेदार परेशान हो गए है। करीब 4 करोड़ 32 लाख रुपए की राशि का 4 सालों से भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले में अब तक प्रशासन के अधिकारी केवल जांच करने की जानकारी देकर पल्ला झाड़ रहे है। वहीं भुगतान नहीं होने को लेकर आंदोलन की चेतावनी मनपा आयुक्त डॉ अभिजीत चौधरी को सौंपे निवेदन में की है।
इस दौरान चर्चा में ठेकेदार अरूण नागभीड़कर ने बताया कि साल 2020 में तत्कालीन मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने कंटेनमेंट जोन को तैयार करने के लिए ठेका एजेंसियों के माध्यम से बेरीकेटिग कराई थी। इस बेरिकेटिंग के लिए राज्य लोकनिर्माण विभाग की दर सूची के आधार पर भुगतान करने को लेकर निर्देश दिया था। इस दर सूची के आधार पर ठेकेदारों को रकम का भुगतान भी कर दिया गया, दूसरे साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी बेरिकेटिंग को लेकर प्रशासन ने आदेश दिया। इस दौरान लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1 की दर सूची पर बिलो को प्रस्तुत किया। बावजदू इसके मनपा प्रशासन ने भुगतान से इंकार करते हुए 4 सदस्यों की जांच समिति बना दी। वहीं दूसरी ओर मनपा के अधिकारियों का मानना है कि पूरे मामले में ठेकेदारों की मांग के आधार पर भुगतान नहीं हो सकता है। दर सूची के साथ ही कार्यदेश समेत अन्य दस्तावेजों की जांच जरूरी है। जांच समिति ने अपनी जांच कर मनपा आयुक्त् को रिपोर्ट दे दी है। अब मनपा आयुक्त निर्णय लेंगे।
13 ठेका एजेंसी का बकाया : मनपा प्रशासन से शहर के 10 जोन में कंटेनमेंट जोन तैयार करने के लिए ठेका एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई थी। प्रत्येक जोन में 2 से 3 ठेका एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई थी। इस दौरान मनपा से ठेका एजेंसी को 25 फीसदी की अग्रिम भुगतान भी किया गया था। करीब 13 एजेसियों का 1 करोड़ 8 लाख रुपए का प्रशासन से मिल चुके है, लेकिन चार साल से 4 करोड़ 32 लाख रुपए का भुगतान नहीं हुआ है।
जांच समिति ने दी रिपोर्ट : इस पूरे मामले में जांच समिति का गठन किया गया था। समिति में अतिरिक्त आयुक्त अजय चरठाणकर, लोककर्म विभाग के अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार, मुख्य लेखा परीक्षक गौरी ठाकुर और मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी सदाशिव शेलके का समावेश है। इस समिति की ओर से जांच कर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपी गई है। अब पूरे मामले में आयुक्त को निर्णय लेना है। -सदाशिव शेलके, मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी, मनपा
4 साल से केवल इंतजार - मनपा प्रशासन ने दर सूची समेत बिलों की पूरी जांच के लिए समिति का गठन किया है, लेकिन समिति से भी कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है। निधि के नहीं मिलने से कई ठेकेदारों पर खासा कर्ज हो गया है। मानवीय आधार पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए। -अरूण नागभीड़कर, ठेकेदार
Created On :   17 Oct 2024 5:55 PM IST