Nagpur News: करियर पर सवाल - दसवीं और बारहवीं के छात्र काउंसलिंग से वंचित

करियर पर सवाल - दसवीं और बारहवीं के छात्र काउंसलिंग से वंचित
  • नागपुर में 7 वर्ष पहले शुरू था स्वतंत्र विभाग
  • हर वर्ष करीब 500 छात्रों का होता था रुझान परीक्षण
  • अभिभावकों को भी परामर्श सेवा
  • मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया जाता था

Nagpur News. कुछ ही दिन में दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा समाप्त होने वाली है। ऐसे में छात्रों से लेकर अभिभावकों तक सभी को चिंता लगी है कि, आगे कौन सा करियर चुनें? इसी सवाल का समाधान देने नागपुर विभाग में व्यावसायिक मार्गदर्शन एवं चयन संस्थान यह स्वतंत्र विभाग सरकार द्वारा कार्यरत था। इसमें हर वर्ष करीबन 500 छात्रों का काउंसलर द्वारा रुझान परीक्षण किया जाता था। साथ ही अभिभावकों को भी बच्चों की रुचि संबंधित परामर्श सेवा दी जाती थी। पिछले 7 वर्ष पहले सरकार ने यह विभाग ही बंद कर दिया है। इसके चलते दसवीं और बारहवीं के छात्रों को करियर काउंसलिंग से वंचित रहना पड़ रहा है।

आगे की राह आसान होती थी

काउंसलर विशाल गोस्वामी ने बताया कि, नागपुर विभाग में 7 वर्ष पहले सरकार द्वारा पटवर्धन स्कूल, सीताबर्डी में व्यावसायिक मार्गदर्शन एवं चयन संस्थान यह स्वतंत्र विभाग कार्यरत था। इस विभाग के तहत छात्रों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण और करिअर काउंसलिंग किया जाता था। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त होते ही 1 अप्रैल से यह शिविर शुरू होता था। अप्रैल, मई और जून महीने के 15 दिन यानी करीब ढाई महीने करियर काउंसलिंग शिविर चलता था। इस ढाई महीने में 50 छात्रों की एक बैच ऐसे 10 बैच होती थी, जिसमें 500 छात्र और अभिभावकों को काउंसलिंग किया जाता था।

इस रुझान परीक्षण और करियर काउंसलिंग से 10वीं के छात्रों को यह स्पष्ट होता था कि कक्षा 11वीं के लिए कला, वाणिज्य और विज्ञान में से कौन सी शाखा चुननी है और यह भी स्पष्ट होता था कि किस विषय में अधिक रुचि है। वहीं 12वीं के छात्रों के लिए करियर पथ चुनने में मदद होती थी। इसके बावजूद सरकार ने यह विभाग ही बंद कर दिया। सरकार की इस उदासीन नीति का छात्रों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

छात्रों के लिए यह पथ दर्शक : विशाल गोस्वामी

काउंसलर विशाल गोस्वामी ने कहा कि, मनोवैज्ञानिक परीक्षण और करिअर काउंसलिंग से यह समझा गया कि छात्रों की कमजोरियां क्या थीं और उनकी ताकत क्या थी। छात्रों के अवास्तविक कल्पनाओं पर समाधान दिया जाता था। उनकी रुचि, क्षमता और आईक्यू के बारे में जानकारी मिलती थी। इससे छात्रों को बेहतर करियर चुनने में मदद मिलती थी। कुल मिलाकर इसके माध्यम से छात्रों के लिए पथ दर्शक का काम किया जाता था। इसलिए इसे बड़े स्तर फिर से शुरू किया जाए, ताकि छात्रों को इसका लाभ मिल सके।

यह मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया जाता था

1. सामान्य अभियोग्यता परीक्षण 2. रुचि परीक्षण खोज

3. समायोजन क्षमता परीक्षण 4. बुद्धिमता परीक्षण

‘डायट’ बना विकल्प, लेकिन?

नागपुर विभाग में व्यावसायिक मार्गदर्शन एवं चयन संस्थान बंद करते हुए जिला शैक्षणिक प्रशिक्षण संस्थान (डायट) रविनगर में इसका 2018 में विलयन किया गया। व्यावसायिक मार्गदर्शन संस्थान में कार्यरत रहे चुके काउंसलरों का कहना है कि अब ‘डायट’ द्वारा छात्रों को करियर काउंसलिंग किया जाता है, लेकिन जितने बड़े पैमाने पर व्यावसायिक मार्गदर्शन एवं चयन संस्थान द्वारा यह काम चलता था, उतने पैमाने पर अब काम नहीं चल रहा है।

Created On :   17 March 2025 8:13 PM IST

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